गो फर्स्ट का दिवाला निकलने से हवाई अड्डों पर यात्री परेशान

कर्ज देने वाले बैंकों के शेयरों में भी भारी गिरावट

वाडिया समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन गो फर्स्ट नकदी के गंभीर संकट से जूझ रही है जिसके चलते उसकी उड़ानें निलंबित हो गयी हैं। कंपनी ने कहा है कि वह तीन से पांच मई तक अपनी उड़ानें अस्थायी रूप से निलंबित रखेगी। इससे पहले, एयरलाइन ने दो दिन के लिए उड़ानें निलंबित करने की घोषणा की थी। कंपनी दिवालिया होने की कगार पर है और उसकी आर्थिक हालत इसी बात से समझी जा सकती है कि उसने दिवाला समाधान के लिए आवेदन किया है। गो फर्स्ट के दिवालिया होने की खबर से शेयर बाजारों में बैंक ऑफ बडौदा, सेंट्रल बैंक और आईडीबीआई बैंकों के शेयरों में गिरावट देखी जा रही है क्योंकि इन बैंकों ने गो फर्स्ट को भारी कर्ज दिया हुआ है। बताया जा रहा है कि शेयर बाजारों में इन बैंकों के शेयरों के भाव में गिरावट से निवेशकों को 7100 करोड़ रुपए का चूना लग गया है। गो फर्स्ट ने इस स्थिति के लिए इंजन निर्माता कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी को जिम्मेदार बताया है तो वहीं कंपनी ने गो फर्स्ट की ओर से लगाये गये आरोपों को खारिज कर दिया है और उसके भुगतान संबंधी इतिहास की ओर इशारा करते हुए गो फर्स्ट को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है।

हवाई अड्डों के दृश्य

इस बीच हवाई अड्डों से जो दृश्य सामने आ रहे हैं वह दर्शा रहे हैं कि गो फर्स्ट एयरलाइंस द्वारा 3, 4 और 5 मई को उड़ानें बंद करने के बाद अहमदाबाद, दिल्ली समेत कई शहरों में गो फर्स्ट के काउंटर खाली पड़े हैं। साथ ही उड़ानें रद्द होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उड़ानें रद्द होने की कोई पूर्व सूचना उन्हें नहीं दी गयी। ऐसे में हवाई अड्डे पहुँचे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हम आपको यह भी बता दें कि गो एयर जिन रूटों पर हवाई सेवाएं मुहैया कराती है उन पर विमान किराये में काफी बढ़ोत्तरी भी देखी जा रही है क्योंकि गो एयर के यात्री अन्य विमानन कंपनियों से यात्रा करने के लिए टिकट कराना चाह रहे हैं।

कंपनी का पक्ष

जहां तक इस पूरे प्रकरण में कंपनी का पक्ष है तो आपको बता दें कि एयरलाइन के प्रमुख कौशिक खोना ने कहा है कि एयरलाइन को प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) से इंजन की आपूर्ति नहीं मिलने की वजह से अपने बेड़े के आधे से अधिक यानी 28 विमानों को खड़ा करना पड़ा है। इस वजह से एयरलाइन के समक्ष नकदी का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘दिवाला समाधान के लिए आवेदन करना एक दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है लेकिन कंपनी के हितों के संरक्षण के लिए ऐसा करना जरूरी था।’’ हम आपको बता दें कि गो फर्स्ट ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की दिल्ली पीठ में स्वैच्छिक दिवाला समाधान प्रक्रिया के लिए आवेदन किया है। एयरलाइन ने सरकार को भी इन घटनाक्रमों की जानकारी दे दी है। साथ ही वह नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट सौंपने जा रही है।

कंपनी ने नोटिस में कहा कि एयरलाइन की उड़ानें तीन, चार और पांच मई को निलंबित रहेंगी। उसके बाद उड़ानों का परिचालन फिर शुरू होगा। हम आपको बता दें कि गो फर्स्ट के कर्मचारियों की संख्या 5,000 से अधिक है। गो फर्स्ट ने यह भी कहा कि वह यात्रियों को उनके टिकट का पूरा पैसा वापस करेगी। कंपनी ने कहा, ‘‘हमें इस बात का अफसोस है कि परिचालन संबंधी कारणों से गो फर्स्ट की उड़ानें तीन, चार और पांच मई, 2023 को निलंबित रहेंगी। उड़ानों के रद्द होने से यात्रियों को जो असुविधा हुई हैं, हम उसके लिये माफी मांगते हैं…हम जो भी सहायता दे सकते हैं, वह देंगे और उसके लिये पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।’’

विमानन मंत्री की प्रतिक्रिया

इस बीच, नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि इंजन आपूर्ति से संबंधित परिचालन बाधाओं के कारण एयरलाइन की वित्तीय स्थिति को झटका लगना दुर्भाग्यपूर्ण है। एयरलाइन के ऋण शोधन समाधान कार्यवाही के लिये स्वैच्छिक आवेदन देने को देखते हुए सिंधिया ने कहा, ‘‘यह बेहतर होगा कि न्यायिक प्रक्रिया का इंतजार किया जाए।’’ सिंधिया ने एक बयान में कहा, ‘‘गो फर्स्ट को इंजन के संदर्भ में आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। सरकार हर संभव तरीके से एयरलाइन की मदद कर रही थी। मामले को संबंधित पक्षों के साथ उठाया गया है।’’ उन्होंने कहा कि परिचालन संबंधी बाधाओं के कारण एयरलाइन की वित्तीय स्थिति को झटका लगना दुर्भाग्यपूर्ण है। सिंधिया ने यह भी कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कुछ उड़ानों को अचानक से निलंबित करने को लेकर कंपनी को नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि यात्रियों के लिये वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था करना एयरलाइन का कर्तव्य है ताकि परेशानी कम से कम हो।

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