गाजियाबाद में फिर बढ़ने लगा कोरोना, 70 दिन बाद मिले महमारी के 15 नए मरीज

Corona started increasing again in Ghaziabad, 15 new patients found after 70 days

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में कोरोना संक्रमण एक बार फिर बढ़ने लगा है। बुधवार को गाजियाबाद में 15 लोगों में कोविड-19 की पुष्टि हुई। फिलहाल यहां कोरोना के ऐक्टिव मरीजों की संख्या 21 है। बुजुर्ग और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। इसे देखते हुए फिलहाल कंबाइंड अस्पताल में पूर्व में बनाए गए कोविड आईसीयू वॉर्ड को फिर से एक्टिव कर दिया गया है। इसके अलावा संतोष और यशोदा अस्पताल के साथ ही सरकारी अस्पतालों और सीएचसी पर बेड रिजर्व करने के निर्देश दिए गए हैं। बुधवार को लगभग 70 दिन बाद जिले में कोविड के एक साथ नए 15 मरीजों की पुष्टि हुई है। इनमें अधिकांश मामले शहरी क्षेत्र की कॉलोनियों के हैं और केवल तीन मामले ट्रांस हिंडन क्षेत्र के हैं। इनमें से चार मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ी है। गंभीर बात यह है कि तीन मरीजों को बुखार व अन्य बीमारी होने पर एमएमजी अस्पताल में भर्ती किया गया था और उनका कोविड सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मंगलवार देर शाम तीनों को कंबाइंड अस्पताल रेफर कर दिया गया। इनमें के 42 वर्षीय महिला जो एनिमिया की पेशेंट हैं, एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है और हालत गंभीर है, एक 60 वर्षीय पुरुष शामिल है। इसके अलावा एक 62 वर्षीय महिला सर्जरी के लिए निजी अस्पताल में भर्ती हुई थी, उनकी भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। विभाग के अनुसार मार्च के 22 दिनों में कोविड के 26 पेशेंट मिल चुके हैं, उनमें से 5 स्वस्थ हो चुके हैं।

कंबाइंड अस्पताल में पूर्व में बनाए गए कोविड आईसीयू वॉर्ड को फिर से एक्टिव कर दिया गया है। कोविड आईसीयू गायनी वॉर्ड में बनाया गया था। कोरोना संक्रमण कम होने के बाद आईसीयू को बंद करके फिर से गायनी वॉर्ड को संचालित किया जा रहा था। अब गायनी वॉर्ड को पहली मंजिल पर बने सर्जरी वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया है और गायनी वॉर्ड में अलग से स्टाफ की नियुक्ति की गई है। वहीं, मंगलवार देर शाम जब एमएमजी अस्पताल के सर्जिकल वॉर्ड में भर्ती तीन मरीजों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो अस्पताल में हड़कंप मच गया। आनन फानन में मरीजों को होल्डिंग एरिया में शिफ्ट किया गया, जिससे अन्य मरीजों को संक्रमण से बचाया जा सके। बाद में उन्हें कंबाइंड अस्पताल शिफ्ट किया गया। एमएमजी अस्पताल के सीएमएस ने बताया कि मरीजों को शिफ्ट करने के बाद वॉर्ड को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया था।

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि कंबाइंड अस्पताल में 10 बेड का आईसीयू एक्टिव किया गया है और एमएमजी अस्पताल में होल्डिंग एरिया एक्टिव करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा संतोष और यशोदा अस्पताल को कोविड बेड रिजर्व करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही सभी सीएचसी पर बेड रिजर्व करने को कहा गया है। डीएसओ ने कहा कि फिलहाल कोई मरीज गंभीर नहीं है। केवल कोमॉर्बिड और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। सभी कोविड जांच केंद्रों पर जांच बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, शासन से 3900 आरटीपीसीआर जांच के निर्देश हैं, जबकि मंगलवार को महज 276 जांच ही की गईं और 3500 एंटीजन जांच की जगह 447 जांच की गईं।कोरोना के गंभीर मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करवाने के लिए एसीएमओ डॉ. चरण सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्ति किया गया है। इसके साथ ही कंबाइंड अस्पताल में 30 बेड रिजर्व करने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना मरीजों को घर से अस्पताल तक पहुंचाने के लिए 2 एंबुलेंस भी रिजर्व करने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना वायरस के इलाज को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जारी संशोधित दिशानिर्देशों में कहा गया है कि भारत में फिलहाल कोविड-19 के वयस्क मरीजों के इलाज के लिए ‘लोपिनेविर-रिटोनेविर’, ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’, ‘आइवरमेक्टिन’, ‘मोल्नूपिराविर’, ‘फेविपिराविर’, ‘एजिथ्रोमाइसिन’ और ‘डॉक्सीसाइक्लिन’ जैसी दवाओं का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘क्लिनिकल गाइडेंस प्रोटोकॉल’ को संशोधित करने के लिए एम्स, आईसीएमआर और कोविड-19 राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) की पांच जनवरी को एक बैठक हुई. इस बैठक में डॉक्टरों को प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल नहीं करने की भी सलाह दी गई है।
H3N2 और कोरोना के नए वेरिएंट XBB 1.16 में अंतर
खांसी-बुखार, सिरदर्द बदन दर्द, घरघराहट, खांसी, तेज बुखार और निमोनिया के लक्षण H3N2 संक्रमण के लक्षण हैं। वहीं COVID से जुड़े वेरिएंट में सिरदर्द, शरीर में दर्द, थकान, गले में खराश और बहती या बंद नाक के लक्षण नजर आते हैं।

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