फिल्मी स्टाइल में फर्जी रेड करने वाले 3 जीएसटी अधिकारी बर्खास्त, अखबार में आया विज्ञापन

3 GST officers sacked for making fake raids in film style, advertisement appeared in newspaper

मुंबई डेस्क।  महाराष्ट्र जीएसटी कार्यालय में काम करने वाले तीन इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों को वरिष्ठ अफसर राजीव मित्तल ने डिसमिस(बर्खास्त) कर दिया है। दरअसल मित्तल को यह जानकारी मिली थी कि यह इंस्पेक्टर फर्जी रेड में शामिल थे साथ ही इन लोगों ने एक ट्रेडर से 11 लाख रुपये भी लिए थे। बर्खास्तगी की इस कार्रवाई का बाकायदा अखबार में विज्ञापन भी दिया गया है। महाराष्ट्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक किसी अधिकारी को बर्खास्त कर उसकी जानकारी विज्ञापन के जरिये लोगों को दी गई हो। राजीव मित्तल ने बताया कि तीनों ही अधिकारियों के खिलाफ सभी कानूनी और कागजी कार्रवाइयों के बाद तत्काल प्रभाव से उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। फिलहाल तीनों अफसरों के खिलाफ पुलिस की जांच शुरू रहेगी। मित्तल ने बताया कि हमारी तरफ से हमने एक डिपार्टमेंटल जांच शुरू की थी। उन्हें शो कॉज नोटिस दिया था। तमाम जांच पड़ताल के बाद यह तय हुआ की विभाग की छवि को दागदार होने से बचाने के लिए उन्हें बर्खास्त कर दिया जाये।

इस मामले में बर्खास्त किये गए तीनों अधिकारियों के नाम हितेश वसईकर, मच्छिंद्र कांगने और प्रकाश शेगर है। तीनों ने मुंबई के एक नामी ट्रेडर के यहाँ पर फर्जी रेड डाली और बाद में उससे 11 लाख रुपये की रिश्वत लेकर वहां से गए। इस मामले में एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन ने 17 सितम्बर 2021 को तीनों जीएसटी अफसरों और एक अन्य आदमी को एक्सटॉर्शन और चीटिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। तीनों अधिकारियों ने 14 जून 2021 को कालबादेवी के एक ट्रेडर के ऑफिस का निरीक्षण किया था। यह अधिकारी लालचंद वाणीगोता नाम के व्यापारी के ऑफिस में यह खाकर घुसे कि वो जीएसटी अधिकारी हैं। जिसके बाद इन अधिकारियों ने व्यापारी से कहा कि ऑफिस में जितना भी कैश है उसके टेबल पर हमारे सामने रख दो। उनके आदेश के मुताबिक ऑफिस स्टाफ ने 30 लाख रूपये उनके सामने रखे।
इसके बाद अधिकारीयों ने व्यापारी वाणीगोता से कहा इससे जुड़े जीएसटी डाक्यूमेंट्स दिखाने के लिए कहा। इसे बाद उन्होंने 30 लाख में से 11 लाख रूपये ले लिए और कहा कि इसे बतौर जीएसटी जमा किया जायेगा। इसके बाद वाणीगोता ने मझगांव स्थित जीएसटी ऑफिस में संपर्क किया। वहां से उन्हें पता चला कि ऐसी कोई रेड हुई ही नहीं है। जिसके बाद उन्हें ठगे जाने का एहसास हुआ। जिसके बाद सम्बंधित लोगों के सीसीटीवी फुटेज लेकर वह एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन गए। जिसके बाद सभी चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। साथ ही विभागीय कर्राई पूरी होने के बाद उन्हें नौकरी से भी बर्खास्त कर दिया गया।

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