मरा हुआ व्यक्ति हो जाता है जिंदा! उत्तराखंड में है महादेव शिव का ऐसा अनोखा मंदिर, जहां की मान्यताएं करती हैं हैरान
Dead person becomes alive! There is such a unique temple of Mahadev Shiva in Uttarakhand, where the beliefs surprise
देहरादून,(उत्तराखंड)। यह बात तो हम सभी जानते हैं, विधि के विधान को कोई नहीं बदल सकता, धरती पर जन्म लेने वाले व्यक्ति की जिस दिन और जिस वक्त मृत्यु लिखी है, उसे तभी जाना है। इसलिए कहते हैं कि जो चला गया वो कभी वापस नहीं आ सकता। लेकिन, अगर भगवान चाहें तो उनके लिखे नियमों में भी बदलाव हो सकता है। अब आप यही देख लीजिए उत्तराखंड में ही शिव का एक अनोखा मंदिर है, जिसके बारे में मान्यता है कि यहां मरा हुआ व्यक्ति जिंदा हो जाता है।
महादेव का यह मंदिर देहरादून से करीबन 128 किमी दूर पर स्थित लाखामंडल जगह पर स्थित है। माना जाता है कि यहां जो व्यक्ति पूजा-पाठ करता है उसे पापों से मुक्ति मिल जाती है।
माना जाता है कि महाभारत काल में पांडवों को जलाकर मारने के लिए यहां लाक्षागृह का निर्माण किया था। अपने अज्ञातवास के दौरान युधिष्ठर ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी। मंदिर में आज भी आप उस शिवलिंग को देख सकते हैं। हालांकि, एक अन्य मान्यता के अनुसार लाक्षागृह यूपी में बताया जाता है।
शिवलिंग के सामने आपको दो द्वारपालों की मूर्तियां दिखाई देंगी, जो पश्चिम की ओर मुंह करके खड़े हुए हैं। माना जाता है कि अगर शव को इन दोनों द्वारपालों के सामने रख दिया जाए और पुजारी इनके ऊपर पवित्र जल छिड़कर दे, तो मृत व्यक्ति कुछ समय के लिए फिर से जीवित हो सकता है।
कहा यह भी जाता है कि मृत व्यक्ति जीवित होने के बाद भगवान का नाम लेता है और पवित्र जल लेने के बाद उसकी आत्मा फिर से शरीर को छोड़कर चली जाती है। ऐसा कहते हैं जो स्त्री पुत्र प्राप्ति के लिए महाशिवरात्रि के दिन रात के समय मंदिर के द्वार पर शिवालय के दीपक को निहाकर शिव मंत्र का जाप करती है, उसे एक साल के अंदर पुत्र की प्राप्ति हो जाती है।
(डिस्क्लेमर: परिपूर्ण न्यूज़ अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है। इस लेख में बताई गई किसी भी जानकारी/सामग्री में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।)