चित्रकूट मंडल के कमिश्नर ने किया अनूठा प्रयोग, जनता को घर बैठे मिल रहा समस्याओं का समाधान
बांदा,(उत्तर प्रदेश)। चित्रकूट धाम मंडल के कमिश्नर दिनेश कुमार सिंह के एक सफल प्रयोग से घर बैठे- बैठे लोगों की समस्याओं का समाधान हो रहा है। मंडल के चारों जनपदों में 20 मई से शुरू हुए घर-घर दस्तक अभियान के तहत लेखपालों और ग्राम पंचायत सचिवों को घरों में भेजकर अब तक 24334 शिकायतों का निस्तारण कराया है। इस दौरान चारों जिलों में 34917 शिकायतें दर्ज हुई हैं। कहा जा रहा है कि यह एक ऐसा मॉडल है जो उत्तर प्रदेश के लिए मिसाल बन सकता है।
मिसाल बन कर सामने आया अभियान
उत्तर प्रदेश को ग्राम सचिवालय मॉडल देने वाले चित्रकूट धाम मंडल कमिश्नर दिनेश कुमार सिंह का घर-घर दस्तक अभियान मिसाल बन कर सामने आया है। बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर और महोबा जिले में अभियान की कमान संभाले लेखपाल और ग्राम पंचायत सचिव हर गांव में घर-घर दस्तक दे रहे हैं। प्रत्येक परिवार से उनकी समस्याएं पूछ रहे हैं और समस्याओं को रजिस्टर में दर्ज करते हैं और मौके पर समाधान करने का प्रयास करते हैं। जिन समस्याओं का समाधान उनके स्तर पर नहीं हो पाता है उन्हें निर्धारित करने की संस्तुति भी करते हैं। कमिश्नर दिनेश कुमार सिंह की इस अद्भुत कवायद के चलते चारों जिलों में अब तक 34917 शिकायतें सूचीबद्ध कर 24334 का मौके पर निस्तारण किया गया है।
बीडीओ और एसडीएम को भी जिम्मेंदारी
लेखपालों और ग्राम पंचायत सचिवों ने विकास से जुड़ी 20771 शिकायतों में 17753 का निस्तारण अपने स्तर से किया है। इसी तरह राजस्व की 7838 शिकायतों में 6481 का समाधान खुद ही कर दिया है, जबकि अन्य विभागों की 6308 शिकायतों समेत 10683 शिकायतें बीडीओ और एसडीएम को अग्रसारित की गई हैं। बीडीओ और एसडीएम संबंधित विभागों से अग्रसारित समस्याओं का समाधान करने में जुटे हैं।
लापरवाही बरती तो होगी कार्रवाई
इस अभियान की सफलता को देखते हुए कमिश्नर ने अभियान की अवधि 16 जून तक और बढ़ा दी है। इस दौरान कमिश्नर ने पूरे सरकारी तंत्र को आगाह किया है कि अगर इसमें जरा भी लापरवाही बरती गई तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं कमासिन ब्लॉक में निरीक्षण के दौरान 1 ग्राम पंचायत में लापरवाही पाए जाने पर कमिश्नर ने लेखपाल और सचिव को निलंबित कर दिया है।
ब्लॉक व तहसील स्तर पर नोडल अधिकारी
इस बारे में कमिश्नर दिनेश कुमार सिंह नें बताया कि एसडीएम और बीडीओ को निर्देश दिए हैं कि लेखपालों और ग्राम पंचायत सचिवों के संयुक्त हस्ताक्षर से निर्धारित पारूप में में प्राप्त शिकायतों सूचनाओं को अपने अभिलेखों में संरक्षित कर संबंधित विभागों से समाधान करायें। ब्लॉक नोडल अधिकारी बीडीओ होंगे। जबकि तहसील स्तर पर नोडल अधिकारी एसडीएम समस्याओं का समाधान करायेंगे।