व्रत के दौरान शारीरिक संबंध बनाना कितना सही? जानिए इससे जुड़े मिथक और उनकी वास्तविकता

 

हिन्दू धर्म में व्रत रखा जाना आम बात है। इस दौरान कुछ चीजें करने की मनाही होती है। इन्हीं में से एक चीज है सेक्स। व्रत के दौरान महिलाओं को अपने पति के साथ संबंध बनाने से मना किया जाता है। लेकिन ऐसा क्यों है? यह सवाल हर किसी के दिमाग में एक बार तो जरूर आया होगा। ऐसा क्या हैं सेक्स में जो इसे व्रत के दौरान करने से मना किया जाता है। सेक्स एक ऐसा विषय है जिसके बारे में लोगों के दिमाग में वास्तविकता से ज्यादा मिथक भरे हुए हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि व्रत के दौरान सेक्स करने से क्यों मना किया जाता है।

व्रत के दौरान सेक्स, धार्मिक दृष्टि से

हिंदू धर्म में व्रत शरीर और मन को शुद्ध करने के उद्देश्य से रखा जाता है। व्रत व्यक्ति को आत्म-नियंत्रण और दृढ़ इच्छा-शक्ति की भावना देता है। धार्मिक विश्वासों के अनुसार कुछ जगहों पर उपवास के दौरान शारीरिक संबंध बनाना गलत माना जाता है। कहा जाता है कि सेक्स करने से व्यक्ति का ध्यान भटक जाता है और वह अपने पूरे मन से व्रत नहीं रख पाता है। इसलिए इस दौरान सेक्स करना वर्जित माना जाता है। इसका आपके स्वास्थ्य पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता है। व्रत के दौरान सेक्स करना है या नहीं यह सब आपकी इच्छा और मान्यताओं पर निर्भर करता है। हालाँकि कई जोड़े व्रत के दौरान भी सेक्स करते हैं।

व्रत के दौरान सेक्स, शारीरिक दृष्टि से

व्रत के दौरान लोग एक दिन में सिर्फ एक बार खाना खाते हैं। एक निर्धारित समय भोजन नहीं करने से हमारे शरीर को कई फायदे मिलते हैं। हफ्ते में एक दिन व्रत रखने से हमें ब्लड शुगर कंट्रोल करने में, सूजन कम करने में मदद मिलती है। इसके साथ यह हमारे दिल और दिमाग के स्वास्थ्य को भी सुधारने में मदद करता है। लेकिन पूरे दिन कुछ नहीं खाने से हमारे शरीर में ऊर्जा का स्तर गिर जाता है और हम सुस्त महसूस करने लगते हैं। यह भी एक कारण है जिस वजह से व्रत में दौरान सेक्स करने से मना किया जाता है, क्योंकि पूरे दिन भूखा रहने के बाद किसी के भी शरीर में शारीरिक संबंध बनाने की हिम्मत नहीं बचती है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए

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