पाकिस्तान में गेहूं की पैदावार में भारी गिरावट, अपना कपड़ा बेच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री आटे को महंगा होने से रोकेंगे?
पाकिस्तान। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान लगातार नई परेशानियों से घिरता रहता है। पहले तो आर्थिक संकट और फिर राजनीतिक अस्थितरता व सत्ता का फेरबदल। लेकिन अब मंहगाई व जरूरी चीजों के उत्पादन की कमी पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ाने लगा है। पाकिस्तान में इस साल गेहूं का उत्पादन 30 लाख टन कम होने का अनुमान है। ऐसे में गेहूं की कीमतों में भारी बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि पंजाब से आटा खैबर पख्तूनख्वा और अन्य क्षेत्रों में नहीं आ रहा है और कई क्षेत्रों में डीलरों के पास स्टॉक खत्म हो सकता है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ये दावा करते नजर आ रहे हैं कि वो किसी भी हाल में अपने देश में आटा महंगा नहीं होने देंगे। भले ही इसके लिए उन्हें अपना कपड़ा तक बेचना पड़े। खैबर पख्तूनख्वा के शांगला जिले की बिशम तहसील में पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) की जनसभा को संबोधित करते हुए शरीफ ने प्रांत में आटे की कीमतें कम करने का संकल्प भी लिया। उन्होंने लोगों से कहा कि, वह जानते हैं कि आटे की कीमतों को कैसे कम किया जाए। उन्होंने प्रांतीय सरकार को अपने खर्च पर कीमतें कम करने के निर्देश दिए।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार आटा डीलर्स एसोसिएशन खैबर पख्तूनख्वा के अध्यक्ष रामबेल गुल ने पाकिस्तानी सरकार को देश के भीतर कुछ ही दिनों में आने वाले आटा संकट के प्रति आगाह किया था। लेकिन पाकिस्तान की सरकार आटे के संकट का हल ढ़ूंढने में सफल नहीं हो सकी और अब आटा डीलरों का स्टॉक खत्म हो गया है। इसके अलावा 20 किलो आटे की दर में 100 रुपये की बढ़ोतरी की गई, जिसके बाद अब 20 किलो आटा बैग की दर 1,400 रुपये हो गई। रामबेल ने इसके साथ ही सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर आटे के मुद्दे को हल करने में विफल रही, तो पाकिस्तान को जल्द ही एक तीव्र आटा संकट का सामना करना पड़ेगा। सरकार को जल्द से जल्द आटे की आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए। पाकिस्तान में इस साल गेहूं का उत्पादन लगभग 30 लाख टन कम होने का अनुमान है। इस कमी का कारण गेहूं की खेती के तहत क्षेत्र में कमी, पानी और उर्वरक की कमी और समर्थन मूल्य की घोषणा में देरी है। अन्य मुद्दों में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और सामान्य से पहले की हीटवेव हैं।