जीवन और मौत की जंग लड़ रहा पत्रकार,हमलावर पुलिस की गिरफ्त से बाहर

कानपुर। जनपद कानपुर नगर के सैनिक चौराहे के निवासी पत्रकार पुष्पेंद्र शुक्ला उर्फ शुभम शुक्ला को कुछ कथित सत्ताधारी बाहुबली विधायक के गुर्गों ने उसके मामा की दुकान से घसीट कर बीच सड़क पर लोहे की रॉड से हमला किया। घटना स्थल चश्मदीदों के हवाले से हमला जानलेवा था और सारे हमलावर दारू के नशे में धुत थे। पुष्पेंद्र को मारते समय वे सभी बार-बार सत्ताधारी पार्टी के बाहुबली विधायक का नाम ले रहे थे और इकट्ठा हुए भीड़ को धमकियां दे रहे थे। मरनाशन, घायल पत्रकार ने 112 डायल कर पुलिस बुलाई जिसने पत्रकार को भर्ती कराया जिसमें आज 1 हफ्ते बीत जाने के बाद भी वह स्वस्थ नही हो पा रहा। विधनू सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बताया कि उसकी हालत काफी नाजुक है काफी खून बह जाने से लगातार खून दिया जा रहा है। हॉस्पिटल की रिपोर्ट अनुसार उसके कमर और पैर की हड्डी भी तोड़ दी गयी है जिसका ऑपरेशन किया जाना है किंतु खून की कमी से अभी ऑपरेशन संभव नही है। संवाददाता से पीड़ित के परिवार का कहना था की सत्ताधारी पार्टी के बाहुबली विधायक का हाथ होने से नामजद एफआइआर में कमजोर धाराएं लगाई गई है और मीडिया में आने के बावजूद मामले को दबाया जा रहा है। साथ ही हत्यारोपी अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। सत्ताधारी पार्टी के विधायक प्रतिनिधि का कहना है कि मामला उनकी संज्ञान में आया है किंतु इसमें उनका कोई रोल नही पुलिस अपना काम करेगी पत्रकार को न्याय मिलेगा। आपको अवगत करा दें कि मौत से जूझ रहे पुष्पेंद्र शुक्ला के बड़े भाई देश के बड़े समाचार पत्र के दिल्ली एडिशन में काम करते हैं। कानपुर पत्रकार संगठनों ने इस पर त्वरित एक्शन लेने की बात कही अन्यथा न्याय न मिलने की स्थित में पत्रकार साथी कानपुर कमिश्नर का घेराव करेंगे। कुछ ब्राह्मण संगठनों का आरोप है कि सरकार बनते ही पुनः ब्राह्मणों को निशाना बनाया जा रहा है उन पर बेवजह हमले हो रहे हैं हालात कश्मीरी पंडितों जैसे हैं जाति बदलो या भाग जाओ या मारे जाओ।

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