आरोपितों की गिरफ्तारी न होने से कौशांबी थाने का किया घेराव
प्रेमप्रकाश त्रिपाठी,(गाजियाबाद)। वैशाली के नवीन अस्पताल में पूर्व फार्मासिस्ट नागेंद्र कुमार की खुदकुशी के मामले में नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी न होने से नाराज स्वजन ने सोमवार को कौशांबी थाने का घेराव किया। पुलिस पर आरोपितों के प्रभाव में काम करने का आरोप लगाया। पुलिस ने दो दिन में आरोपितों को गिरफ्तार करने का आश्वासन देकर उन्हें शांत कराया। स्वजन ने ऐसा नहीं होने पर मुख्यमंत्री से मामले की शिकायत करने की चेतावनी दी है।नागेंद्र के स्वजन सोमवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे कौशांबी थाने पहुंचे। जस्टिस फार नागेंद्र लिखा पोस्टर लेकर उन्होंने थाने का घेराव किया। पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपित पैसे व रसूख वाले हैं। पुलिस उनके प्रभाव में काम कर रही है। यही कारण है कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही है। नागेंद्र की पत्नी सविता देवी ने कहा कि पति ही घर के कमाने वाले सदस्य थे। उनकी मौत से परिवार के सामने संकट खड़ा हो गया है। पुलिस ने दो दिन में आरोपितों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है। चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री से मामले की शिकायत करेंगी। इस दौरान नागेंद्र के पिता देवदत्त अत्री, मां पुष्पा देवी, सीमा भारद्वाज, अशोक चौधरी, जीतू चौधरी, नितिन आदि मौजूद रहे। आत्मसमर्पण की कोशिश में आरोपित : सूत्रों की मानें तो मामले में नामजद अंकित बिरला न्यायालय में आत्मसमर्पण करने की फिराक में है। उसने न्यायालय में अर्जी भी दे रखी है। पीड़ित परिवार का कहना है कि पुलिस अगर गंभीरता से काम करती तो अब तब आरोपित पकड़े जाते। यह है मामला : हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ सेक्टर-तीन में रहने वाले नागेंद्र कुमार यहां नवीन अस्पताल में फार्मासिस्ट थे। बीते तीन जनवरी को उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी। आरोप है कि उनका अस्पताल प्रबंधन पर दो माह का वेतन बकाया था। 22 फरवरी को वह अस्पताल आए और अपना बकाया मांगा। नहीं मिलने पर खुद पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा ली। उपचार के दौरान दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 27 फरवरी को उनकी मौत हो गई। मामले में डा.नवीन, डा.धनंजय, डा.गरिमा, डा.शालिनी भल्ला व अंकित बिरला के खिलाफ कौशांबी थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई। तीन मार्च को भी स्वजन ने पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाकर थाने पर विरोध जताया था।