पूर्वी यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालना मुख्य प्राथमिकता
नेशनल न्यूज़। रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष जारी है। इन सब के बीच अब भी पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष वाले क्षेत्रों में भारतीयों के फंसे होने की आशंका है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि सरकार का मुख्य जोर पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष वाले क्षेत्रों में भारतीय छात्रों को बाहर निकालना है। इसके लिए भारत ने रूस एवं यूक्रेन से स्थानीय संघर्षविराम सहित अन्य रास्ते तलाशने का भी आग्रह किया है। मंत्रालय के मुताबिक अब भी 300 भारतीय हार खारकीव में जबकि 700 से ज्यादा सुमी में हैं। हालांकि ऑपरेशन गंगा के तहत भारत ने अब तक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए 10300 भारतीयों की वापसी कराई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि युद्धग्रस्त देश को लेकर प्रथम परामर्श जारी होने के बाद करीब 20,000 भारतीय यूक्रेन की सीमा छोड़ चुके हैं। इन सब के बीच खबर यह भी है कि यूक्रेन के पिसोचिन से फंसे भारतीय रवाना हो गए हैं।
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा की थी कि निकासी के लिए पिसोचिन में बसों की व्यवस्था की जाएगी; 900-1000 भारतीय वहां फंसे हुए हैं। अरिंदम बागची मुताबिक अब तक ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक 48 उड़ानों से 10,300 से अधिक भारतीयों को वापस लाया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में 18 उड़ानें भारत में उतरी हैं और इसके जरिये करीब 4000 भारतीय वापस लाये गए हैं। बागची ने कहा कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए अगले 24 घंटों में 16 उड़ानों का कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि संघर्ष वाला इलाका है हालांकि हम सभी भारतीयों को लाने के लिये लगातार प्रयास कर रहे हैं। कुछ इलाकों से भारतीयों को निकालने में कठिनाई पेश आने से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ हम दोनों पक्षों से रास्ता तलाशने का अनुरोध कर रहे हैं ताकि हम संघर्ष वाले क्षेत्रों से अपने नागरिकों को बाहर निकाल सकें।
भारत ने शुक्रवार को दोहराया कि उसके पास युद्धग्रस्त यूक्रेन में किसी भी भारतीय को बंधक बनाये जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उसने यह भी कहा कि युद्ध के कारण प्रभावित खारकीव, सुमी सहित अन्य इलाकों में फंसे भारतीयों को निकालने के प्रयास जारी हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हमने किसी भारतीय को वहां (यूक्रेन में) बंधक बनाये जाने के बारे में नहीं सुना है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा स्थिति के कारण कुछ इलाकों से निकलने में कठिनाई पेश आ रही है, खास तौर पर खारकीव और सुमी क्षेत्र से। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ हालांकि, मैंने किसी को बंधक बनाये जाने के बारे में नहीं सुना है। ’’ युद्धग्रस्त क्षेत्र में कुछ देशों के नागरिकों को रोके जाने एवं बंधक बनाये जाने संबंधी रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के बयान के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि आपको हमेशा उस व्यक्ति से सवाल पूछना चाहिए जिसने बयान दिया है।