सरकारी विभाग दबाए बैठे गाजियाबाद नगर निगम के 200 करोड़ रुपये

गाजियाबाद ब्यूरो। प्राइवेट संस्थान ही नहीं, सरकारी विभाग भी नगर निगम का 200 करोड़ का टैक्स दबाए बैठे हैं। विद्युत निगम, डीएमआरसी, पुलिस, जीडीए समेत अधिकांश विभाग ऐसे हैं जिन्होंने कई बार डिमांड नोटिस भेजने के बावजूद टैक्स नहीं भरा है। निगम ने एक बार फिर इन विभागों को नोटिस भेजकर बकाया रकम की मांग की है। यह रकम नगर निगम को मिल जाए तो वार्डों में रुके विकास कार्य फिर से शुरू हो सकते हैं। नगर निगम सरकारी विभागों से संपत्ति कर की बजाय सिर्फ सर्विस चार्ज लेता है। यह रकम अन्य निजी संपत्तियों की तुलना में कम होती है। इसके बावजूद सरकारी विभाग निगम को बकाया रकम चुकाने में आनाकानी कर रहे हैं। बकायादारों में सबसे बड़ी 84.88 करोड़ की रकम विद्युत निगम पर बकाया है। इसके बाद डीएमआरसी नगर निगम का दूसरा बड़ा बकायादार है। इस पर 45.74 करोड़ रुपया बकाया है। मानव संसाधन विकास केंद्र, सीपीडब्ल्यूडी, रेलवे, हिंडन एयरफोर्स स्टेशन, पुलिस विभाग, डीएम कार्यालय, बीएसएनएल, जिला न्यायालय परिसर, डाक विभाग और एनसीआर प्लानिंग बोर्ड पर भी निगम का सर्विस चार्ज बकाया है।नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा का कहना है कि सरकारी विभागों के अधिकारियों से बकाया रकम को लेने के लिए वार्ता चल रही है। डाक विभाग ने 30 लाख रुपये का भुगतान बृहस्पतिवार को कर दिया है।

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