मध्य प्रदेश के लाखों किसानों के खाते में जमा हुई फसल बीमा राशि, कर्ज खातों में ट्रांसफर
इंदौर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 12 फरवरी को बैतूल में एक क्लिक से 49 लाख 85 हजार किसानों के बैंक खातों में 7618 करोड़ रुपये की पीएम फसल बीमा राशि ट्रांसफर की थी। यह राशि किसानों के खातों में आई जरूर, पर ज्यादातर किसानों के कर्ज खाते में ऑटो एडजस्ट हो गई। इससे ऐसे किसानों को यह राशि निकालने का लाभ ही नहीं मिला, जिनके ऊपर बैंको और वित्त संस्थाओं का कर्ज था। इंदौर के गौतमपुरा के किसान ईश्वर सिंह चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के क्लिक से उनके खाते में भी 16 फरवरी को 22,147 रुपये आए थे। जब वह और उनके जैसे अन्य किसान पैसा निकालने बैंक पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि खाते से भुगतान पर रोक लगी है। इसके बाद 24 फरवरी को उनके खाते से यह राशि काट ली गई। बैंक में पूछताछ करने पर पता चला कि यह पैसा कर्ज खातों में ऑटो एडजस्ट हो गया है। इसे लेकर किसान ठगे से महसूस कर रहे हैं।
कर्जमाफी की आस ने बढ़ाए डिफॉल्टर
2018 में कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। तब वादा किया था कि किसानों के कर्ज माफ होंगे। कइयों के हुए भी। पर इस वादे की वजह से कर्जमाफी की आस में जी रहे कई किसानों किसानों ने बैंकों का कर्ज नहीं चुकाया। इससे उनकी बकाया राशि पर ब्याज और दंड बढ़ता गया। कई किसान ऐसे हैं, जिनका कर्ज बीते चार साल में दोगुने से अधिक हो गया है। इससे कई किसान डिफॉल्टर बन गए हैं। राज्य के 35 लाख किसानों पर सरकारी व निजी बैंकों का कर्ज है। प्रदेश में कर्ज माफी की घोषणा के बाद से 20 लाख किसानों के खाते डिफॉल्टर की श्रेणी में आ गए हैं।
बैंकों को खाते से कर्ज वसूली का अधिकार
दरअसल, राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों को किसी डिफॉल्टर के खाते मे आए पैसे को कर्ज के साथ ऑटो एडजस्ट करने का अधिकारी है। बैंकों के सॉफ्टवेयर ही ‘डेबिट नॉट अलाउ’ के जरिए भुगतान की अनुमति नहीं देते। इस तरह पैसा खाते में आता भी हो तो वह कर्ज खाते में ऑटो एडजस्ट हो जाता है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ। फसल बीमा की राशि आते ही बैंकों ने उसे होल्ड किया और कर्ज खाते में जमा कर दिया। इंदौर जिले में 20 हजार 591 खातों पर डेबिट नॉट अलाऊ का क्लॉज लगा था। इंदौर प्रीमियर को-ऑपरेटिव बैंक का कहना है कि किसानों से कर्ज अनुबंध में इस तरह से वसूली का प्रावधान होता है।