गुरुग्राम में 141 खातों में भेजे गए थे ठगी के सवा छह करोड़

6.25 crores of fraud were sent to 141 accounts in Gurugram

गुरुग्राम। गेमिंग कंपनी विटजील के खाते से ठगे गए सवा छह करोड़ रुपये अलग-अलग 141 बैंक खातों में भेजे गए थे। मुख्य आरोपित ने दिसंबर 2023 में दुबई से बैठकर यह ठगी की थी। इसके बाद खातों से राशि क्रिप्टोकरेंसी में बदलवाकर दुबई में ट्रांसफर कराई गई। साइबर पुलिस ने ठगी के मुख्य आरोपित दिल्ली के आनंद विहार निवासी हरमीत सिंह को 19 अप्रैल को मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। इससे पहले इस केस में पांच आरोपितों गुरुग्राम के शांतनु आनंद, दिल्ली के हरिनगर निवासी कार्तिक शर्मा, यश शर्मा व तरुण कुमार डूडेजा, राजस्थान के बीकानेर निवासी राकेश शर्मा को पकड़ा था।
रिमांड के दौरान हरमीत ने बताया उसे राकेश के माध्यम से बैंक खाते उपलब्ध कराए जाते थे। राकेश दिल्ली के चांदनी चौक में अंगड़िए का काम करता था। सर्राफा व्यापारियों से जान-पहचान होने के कारण वह हवाला का काम भी देखता है।
इस केस में पकड़े गए शांतनु की निजी कंपनी है। कंपनी के खाते में ठगी के दस लाख रुपये आए थे। शांतनु ने बताया था कि खाते को कंपनी में काम करने वाला तरुण देखता था। तरुण ने ही यह खाता राकेश को दिया था। वहीं दिल्ली के कार्तिक व यश लकड़ी का कारोबार करते थे।
कार्तिक और यश खातों को ऑपरेट करते थे। ठगी की राशि आने पर ये इसे क्रिप्टोकरेंसी में बदलते और इसे दुबई में बैठे हरमीत के पास भेजते थे। साइबर पुलिस ने बताया कि गेमिंग कंपनी ने खाता रेजर-पे नाम के एप पर खोल रखा था।
हरमीत ने वीपीएन से एप हैक कर छह करोड़ 14 लाख रुपये शांतनु के खाते समेत देशभर के 141 बैंक खातों में भेजे थे। इसमें से कई खाते राकेश ने उपलब्ध कराए थे। हरमीत के गिरोह में इसके अलावा भी कई अन्य लोग शामिल हैं, जो इसे खाता उपलब्ध करा रहे थे।

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