आलिया को मिला नया पैर, अब चलकर जाएगी स्कूल,दिव्यांगों की मदद के लिए आगे आया मानव कल्याण फाउंडेशन

Alia got a new leg, will now walk to school, Manav Kalyan Foundation came forward to help the disabled

नई दिल्ली। आलिया को नया पांव मिल गया है। अब वह चल सकती है। जन्म से ही इसका एक पांव नहीं था। नौ साल की उम्र में अब वह चलकर स्कूल जाएगी। इस बात का सुकून चेहरे पर नजर आ रहा था। बेटी को कृत्रिम पैरों के सहारे चलते देख शकील भी खुशी से भावुक थे। इसी तरह शनिवार को दिव्यांग, पोलियो से ग्रसित और दुर्घटना में हाथ-पांव गंवाने वाले तमाम लोगों को जब एमके दुग्गर मानव कल्याण फाउंडेशन की ओर से फ्री में कृत्रिम हाथ-पांव मिले तो इन सबके जीवन को जैसे नए मायने मिल गए।
न्यू रजिंदर नगर में शंकर रोड पर स्थित अहिंसा भवन में मानव कल्याण समिति के न्यासी एमके दुग्गर की तीसरी पुण्यतिथि के मौके पर लोगों को आर्टिफिशियल लिंब, पोलियो कैलिपर्स फ्री में दिए गए। यहां एक से चार मई तक समिति की न्यासी रेखा दुग्गर, दिशा दुग्गर और वर्धमान दुग्गर ने डॉक्टरों और विशेषज्ञों के सहयोग से कैंप लगाया और 60 लोगों को कैलिपर्स, 30 लोगों को आर्टिफिशियल लिंब, 4 लोगों को वॉकर, 2 लोगों को व्हील चेयर और 3 लोगों को बैसाखी दी। दिशा ने कहा कि पिता एमके दुग्गर 15 साल से मानव सेवा के लिए काम करते रहे है। पिता की पुण्यतिथि के मौके पर हर साल उनकी इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए कैंप लगाते हैं। जन्म से, पोलियो और दुर्घटना में अपने शरीर के अंग गंवा चुके लोगों की मदद करके खुशी मिलती है।
समिति के साथ जुड़े न्यासी और उद्योग जगत के कई समाजसेवी इस काम में सहयोग कर रहे है। इसके अलावा इस काम में गुरुदेव तुलसी जी की असीम कृपा मिल रही। वह इस काम को लगातार जारी रखना चाहती हैं। मानव कल्याण समिति के प्रबंधक रमेश चंद्र ने बताया कि यहां दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों से रेफर होकर लोग आते हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन कर डॉक्टर जांच करते हैं। फिर अंग की माप लेकर ट्रायल और फिटिंग की जाती है और इसी दिन लिंब और कैलिपर्स निर्माण कर जरूरतमंदों को पहना दिया जाता है।

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