हिंदू धर्म में रात के समय क्यों नहीं जलाया जाता दीपक, जानिए इसका धार्मिक महत्व
Why lamp is not lit at night in Hindu religion, know its religious significance
सनातन धर्म में दीपक जलाना काफी ज्यादा शुभ माना जाता है। दीपक जलाने से न सिर्फ अंधकार दूर होता है, बल्कि नकारात्मकता भी खत्म हो जाती है। वहीं पूजा-अर्चना के दौरान दीपक जलाना श्रेष्ठ होता है। ऐसा करने से देव प्रसन्न होते हैं और घर परिवार पर कृपा बनी रहती है। इसी वजह से पूजा-पाठ के अलावा रोजाना नियमित रूप से सुबह-शाम दीपक जलाने की सलाह दी जाती है। हांलाकि शाम के समय दीपक जलाने के दौरान लोग गलती कर देते हैं। शाम के समय को जलने वाले दीपक को लोग रात में जलाते हैं। जिसको गलत माना जाता है।
धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक पूजा दो तरह की होती है। जिनमें एक पूजा सात्विक तो दूसरी तांत्रिक पूजा होती है। गृहस्थ जीवन वाले लोग सात्विक पूजा करते हैं, तो वहीं तांत्रिक पूजा अघोरी और तांत्रिक लोग करते हैं। ब्रह्म मुहूर्त से सूर्यास्त तक का समय सात्विक पूजा का होता है। वहीं इसके बाद तांत्रिक पूजा की जाती है। क्योंकि मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद देवी-देवता विश्राम करते हैं और निद्रा अवस्था में जाते हैं।
ऐसे में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच में दीपक जलाना शुभ माना जाता है। बता दें कि सुबह के समय दीपक जलाना शुभ माना जाता है और फिर संध्याकाल में आरती के लिए दीपक जलाना चाहिए। वहीं रात में दीपक जलाना निषेध माना जाता है। सूर्यास्त के दौरान शाम को दीपक जलाना चाहिए। क्योंकि अगर आप सूर्यास्त के बाद दीपक जलाते हैं, तो यह तांत्रिक क्रिया के अनुरूप माना जाता है। जिसका जातक को फल नहीं मिलता है। देवी-देवताओं के सोने के बाद दीपक जलाने की मनाही होती है। ऐसे में सूर्यास्त के बाद जब देव सो जाते हैं, तब दीपक जलाने से उनके विश्राम में बाधा पड़ सकती है। यही वजह है कि हिंदू धर्म में रात के समय दीपक जलाने की सख्त मनाही होती है।