मणिपुर में शाह के दौरे से पहले अलर्ट, सेना ने 22 हथियारबंद उपद्रवियों को पकड़ा

आगजनी की कोशिश नाकाम

इंफाल,(एजेंसी)। हिंसाग्रस्त मणिपुर में केंद्रीय मंत्री अमित शाह के चार दिन के दौरे से पहले सेना अलर्ट पर है। सेना ने मणिपुर के इंफाल ईस्ट जिले में घरों में आग लगाने की कोशिश करने वाले 22 हथियारबंद बदमाशों को पकड़ा है और उनके पास से हथियार भी बरामद किए हैं। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि इंफाल पूर्वी जिले के पहाड़ी क्षेत्र में सनासाबी, ग्वालताबी और शाबुनखोल खुनाओ में घरों को जलाने के लिए हथियारबंद बदमाशों के आने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद रविवार रात बड़ी संख्या में सेना की टुकड़ियों को इकट्ठा किया गया। कई मोबाइल वाहन चेक पोस्ट तुरंत स्थापित किए गए और क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाए गए। अधिकारी ने बताया कि एक समय घरों को जलाने की कोशिश कर रहे बदमाशों ने सेना के जवानों पर हमला किया और उन पर गोलियां चलायीं।
रक्षा प्रवक्ता ने कहा, ‘सेना के ऑपरेशन में 22 उपद्रवियों को हथियारों और अन्य युद्धक सामग्रियों के साथ गिरफ्तार किया गया। बदमाशों के पास से बरामद हथियारों में पांच 12 बोर डबल बैरल राइफल, तीन सिंगल बैरल राइफल, एक डबल बोर देसी हथियार और एक मजल लोडेड हथियार शामिल है।’
अधिकारी ने बताया कि सेना की त्वरित कार्रवाई से आगजनी की कई घटनाओं के अलावा कीमती जानमाल और घरों का नुकसान होने से बचा गया। सभी 22 बदमाशों को पकड़े गए हथियारों और युद्धक सामग्रियों के सामान के साथ मणिपुर पुलिस को सौंप दिया गया। रक्षा सूत्रों ने कहा कि काकचिंग जिले में ताजा घटनाओं के बाद बड़े पैमाने पर नागरिक बचाव अभियान चलाने के लिए ड्रोन, माइन-प्रोटेक्टेड वाहन, क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) को एकत्र किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि रविवार को काकचिंग जिले के सुगनू में सशस्त्र आतंकवादियों की ओर से ग्रामीणों पर किए गए हमले में दो कमांडो समेत कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए। काकचिंग जिले के सुगनू और सेरौ गांवों में ताजा घटनाओं के बाद विभिन्न समुदायों के ग्रामीण सुरक्षा बलों की हिफाजत में विभिन्न इलाकों में फंसे हुए हैं।
सेना और असम राइफल्स ने पुलिस, जिला प्रशासन और नागरिक समाज संगठनों के समन्वय से असम राइफल्स के संरक्षण में रक्षा और निजी वाहनों में लगभग 2,000 मैतेई ग्रामीणों को सेरौ से पंगलताबी राहत शिविर तक पहुंचाया। विस्थापित लोगों को ले जाते समय सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन, माइन प्रोटेक्टेड वाहनों और एरिया डोमिनेशन पेट्रोल्स की ओर से हवाई निगरानी कवर प्रदान किया गया था। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि सेना के डॉक्टरों की तरफ से जरूरतमंदों को चिकित्सा सहायता दी गई। इसी तरह करीब 328 कुकी ग्रामीणों को भी सुगनू गांव से साजिक तम्पाक सुरक्षित पहुंचाया गया।

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