पति की अय्याशी ने बनाया कातिल, दो पत्नियों के अलावा भी थे कई महिलाओं से संबंध

नई दिल्ली दिल्ली के बाहरी जिले के रणहौला इलाके में 18 मई को घर में घुसकर कारोबारी की हत्या करने की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। हत्या किसी और ने नहीं बल्कि कारोबारी की दूसरी पत्नी ने ही सुपारी देकर करवाई थी। पुलिस ने कारोबारी की पत्नी और सुपारी किलर को गिरफ्तार कर लिया है। इनकी पहचान चंद्रकला उर्फ चंदा (28) और सुपारी किलर जुम्मन उर्फ जुम्मा (27) के रूप में हुई है। दरअसल दो शादियां करने के बाद भी कारोबारी वीर बहादुर सिंह (50) की रंगीन मिजाजी कम नहीं हो रही थी। उसके दो और महिलाओं से संबंध का पता चला था। कुछ दिनों पूर्व चंदा की बहन उसके घर आई तो आरोपी ने उस पर भी बुरी नजर डाली थी। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर वारदात में इस्तेमाल हथौड़ा और हत्या की सुपारी के लिए दिए गए 50 हजार रुपये बरामद कर लिए हैं। वारदात के बाद चंद्रकला ने लूट के दौरान कारोबारी की हत्या की बात की थी। लेकिन छानबीन के बाद हत्याकांड से पर्दा उठ गया। रणहौला थाना पुलिस दोनों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।
बाहरी जिला पुलिस उपायुक्त समीर शर्मा ने बताया कि 18 मई की रात को रणहौला इलाके के दीप एंक्लेव में घर में घुसकर किसी ने कारोबारी वीर बहादुर सिंह की हत्या कर दी थी। खून से लथपथ उनका शव कमरे में पड़ा मिला। कमरे में मौजूद उनकी पत्नी चंद्रकला ने बताया कि लूटपाट के इरादे से घुसे बदमाश ने उनकी किसी भारी वस्तु से वारकर हत्या कर दी। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि वीर बहादुर का गारमेंट का बड़ा कारोबार था। उसने दो शादियां की हुई थीं। पहली पत्नी बच्चों को लेकर नांगलोई इलाके में रहती है जबकि चंद्रकला अपने दो बच्चों के साथ यहां रहती थी। वीर बहादुर पहली और दूसरी दोनों पत्नियों के साथ कुछ-कुछ दिन रहता था। पुलिस ने चंद्रकला से पूछताछ की तो उसके बयानों पर पुलिस को शक हुआ। घटना वाले दिन का सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया तो पुलिस को एरिया का घोषित बदमाश जुम्मा उसके घर के आसपास टहलता हुआ मिला। शक होने पर पुलिस ने चंद्रकला की कॉल डिटेल चेक किए। उससे पता चला कि लगातार चंद्रकला जुम्मा के संपर्क में थी। पुलिस ने चंद्रकला से इन कॉल डिटेल के आधार पर पूछताछ की तो वह टूट गई। उसने बताया कि डेढ़ लाख रुपये सुपारी देकर उसने जुम्मा से पति की हत्या करवा दी। घटना वाले दिन वीर बहादुर घर पर था। उसी दौरान उसने दरवाजा खुला छोड़ दिया। जुम्मा घर पहुंचा और उसने सोते समय वीर बहादुर पर  हथौड़े से वारकर उसकी हत्या कर दी। वारदात के बाद किसी को शक न हो चंद्रकला ने रुपये व कुछ जेवरात उसे देकर भेज दिया। हत्या के खुलासे के बाद जुम्मा ने तीस हजारी कोर्ट में सरेंडर कर दिया।

पति की रंगीन मिजाजी से थी चंद्रकला परेशान, इसलिए दी सुपारी…
पुलिस की पूछताछ में चंद्रकला ने बताया कि वह मूलरूप से बिहार की रहने वाली है। उसके सात बहन भाई हैं। आर्थिक तंगी की वजह से उसने 13-14 साल पहले वीर बहादुर की गारमेंट शॉप पर नौकरी शुरू कर दी थी। वीर बहादुर मौके का फायदा उठाकर उसके साथ छेड़छाड़ करता था। नौकरी छूटने के डर से वह कभी किसी को कुछ नहीं कहती थी। बाद में वीर बहादुर ने पहली पत्नी होने के बावजूद उससे शादी कर ली। वीर बहादुर से उसे दो बच्चे हुए। चंद्रकला अपने घर के नीचे गारमेंट की दुकान चलाती थी। उसके यहां पहले नरगिस नामक एक युवती काम करती थी। एक दिन चंद्रकला की छोटी बहन उससे मिलने आई हुई थी। वीर बहादुर ने उसे भी बुरी नजर से देखा। यह बात चंद्रकला को बदर्शत नहीं हुई। दूसरी ओर चंद्रकला को पता चला कि उसके पति के कई अन्य महिलाओं से संबंध हैं। नरगिस को उसने अपनी सारी बात बताई थी। नरगिस ने उसे अपने भाई जुम्मा के बारे में बताया। उसने कहा कि जुम्मा उसकी मदद कर सकता है। चंद्रकला ने जुम्मा से बात की तो वह सुपारी लेकर हत्या के लिए तैयार हो गया। डेढ़ लाख रुपये में बात तय हुई और उसने वारदात को अंजाम दिया। जुम्मा ने बताया कि उसकी बहन नरगिस की कुछ दिनों पूर्व कैंसर से मौत हो गई।

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