दिल्ली नगर निगम दो नए टैक्स लगाने तैयारी में जुटा है : अनिल चौधरी
नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा दिल्ली के तीनों नगर निगमों का एकीकरण करने के बाद भी एकीकृत दिल्ली नगर निगम की आर्थिक स्थिति जस की तस बनी हुई। केन्द्र सरकार निगम में अधिकारियों को व्यवस्थित करने व्यस्त है जबकि निगम के आर्थिक संकट को खत्म करने की दिशा में अभी तक कोई सकारात्मक कदम नही उठाया गया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह चिंताजनक है कि एकीकृत दिल्ली नगर निगम के आर्थिक संकट को कम करने के लिए सम्पति कर के तहत दो नए टैक्स यूजर चार्ज और शिक्षा सेस के माध्यम से टैक्स जुटाकर दिल्ली की जनता पर बोझ डालने की तैयारी की जा रही है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि बढ़ती महंगाई और आर्थिक संकट से जूझ रही दिल्ली पर भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम सम्पति कर के अंतर्गत दो नए टैक्स यूजर चार्ज और शिक्षा सेस लगाकर अतिरिक्त बौझ लोगों की कमर तोड़ने वाला साबित होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 15 वर्षों के निगम शासन में भ्रष्टाचार के निगम को पहले ही कंगाल बना दिया है और अब निगम केन्द्र के आधीन होने बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नही है। उन्होंने कहा कि जब वित्त वर्ष 2021-22 में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने सम्पति कर से 1000 करोड़ रुपये राजस्व अर्जित किया और उत्तरी नगर निगम ने सम्पति कर के द्वारा 700 करोड़ से अधिक राजस्व अर्जित किया तो वर्तमान में सभी श्रेणी के सम्पति करदाताओं पर भाजपा को अतिरिक्त बोझ नही डालना चाहिए।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस मांग करती है कि केन्द्र सरकार एकीकृत निगम को आर्थिक पैकेज की घोषणा तुरंत करे ताकि दिल्ली वालों को योजनाबद्ध सम्पति कर के तहत यूजर चार्ज और शिक्षा सेस के अतिरिक्त टैक्स से राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित दिल्ली नगर निगमों द्वारा सम्पति कर में प्रतिवर्ष सिफारिश पूरी तरह से बेबुनियाद और गरीब विरोधी है, जिसका दिल्ली कांग्रेस पूरी तरह विरोध करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा सम्पति कर में दो नए टैक्स लगाकर केजरीवाल की तर्ज पर दिल्लीवालां पर टैक्स की मार कर रही है। जिस प्रकार केजरीवाल सरकार बिजली बिलों में अतिरिक्त एडेड टैक्स लगाकर दिल्लीवालों बोझ झेल रहे है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि निगम एकीकरण से पूर्व और निगम एकीकरण के बाद भी निगम कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है। निगम में टीचरों, जे.ई., ऐ.ई. कई अन्य वर्गों के हजारों कर्मचारियों को पिछले 5-6 महीनों से वेतन नही मिल पा रहा है और सफाई कर्मचारियों का वेतन संकट पहले की तरह बरकरार है। उन्होंने कहा कि निगम केन्द्र सरकार के आधीन होने के बाद केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी है कि निगम में कार्यरत सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निगम में जो हालात बने है उसके लिए केजरीवाल और भाजपा पूरी तरह जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी और भाजपा ने मिलकर भ्रष्टाचार करके तीनों निगमों को आर्थिक रुप से डूबो दिया है, जिसकी भरपाई दिल्ली की जनता झेल रही है .