रेलवे की पेंड्रोल क्लिप घोटाले में आरपीएफ के तीन इंस्पेक्टर समेत पांच सस्पेंड
बरेली। बरेली में चर्चित रेलवे के पेंड्रोल क्लिप घोटाले में आरपीएफ के तीन इंस्पेक्टरों समेत पांच लोगों को सस्पेंड कर दिया हया हैं। निलंबित होने वालों में बरेली और मुरादाबाद से जुड़े रेलवे के अफसर यह सारा रेलवे के सीनियर सेक्शन आफिसर ने अपनी सेवानिवृत्ति के एक सप्ताह पहले किया था। जांच में खुलासा होने के बाद अब कार्रवाई की गई हैं। आरपीएफ की सीआईबी और बरेली जंक्शन की आरपीएफ टीम ने इस मामले की जांच की। जांच में खुलासा हुआ है कि गोदाम से मुरादाबाद, आंवला, चंदौसी, बरेली आदि के लिए ट्रैक मेंटेनेंस करने का काम सिर्फ कागजों दिखाया। सामान लगना दिखाया लेकिन उनको मुरादाबाद के रेल ठेकेदार राजेश खन्ना को बेच दिया था।
जांच के बाद बरेली आरपीएफ सेवानिवृत्त सीनियर सेक्शन इंजीनियर दिनेश प्रसाद लोहानी पकड़कर पूछताछ की थी। इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ था। यह घोटाला पिछले साल 31 जुलाई को हुआ था। जिसमें करीब 22 लाख रुपये का रेल ट्रैक मेंटिनेंस उपकरण पेंड्रोल क्लिप, पिन आदि का घोटाला हुआ था। इसकी जांच रामपुर और मुरादाबाद आरपीएफ ने भी की। जांच के बाद आरपीएफ मुख्यालय ने पांच लोगों की लापरवाही और तथ्यों को छिपाने का दोषी माना और पांच को सस्पेंड कर दिया। सस्पेंड होने वाले बरेली के आरपीएफ इंस्पेक्टर विपिन सिसोदिया, मुरादाबाद सीआईबी शाखा के इंस्पेक्टर रवित शर्मा, आरपीएफ कमांडेंट के दफ्तर में तैनात इंस्पेक्टर सीपी सिंह, चंदौसी और मुरादाबाद के दो अन्य आरपीएफ कर्मी शामिल हैं।
16 करोड़ के भुगतान का आया मामला
मुरादाबाद के शहर से बीजेपी विधायक रितेश गुप्ता मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री और कमिश्नर को पत्र लिखकर नगर निगम के जलकल विभाग पर दो साल पहले बिना काम कराए 16 करोड़ रुपये का भुगतान करने की शिकायत की है। विधायक का कहना है कि 27 अप्रैल 2018 को नगर निगम के वार्डों में जलापूर्ति के लिए ई-टेंडरिंग से निविदा निकाली गई थीं। लेकिन काम नहीं हुए और भुगतान कर दिया। 2019-20 में जलकल विभाग ने बिना टेंडर की प्रक्रिया किए 16 करोड़ रुपये के कार्य भुगतान कर दिया।
अनियमितता बरती गई है। मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह का कहना है कि विधायक की शिकायत पर नगर आयुक्त से जांच करके रिपोर्ट मांगी है। नगर निगम मुरादाबाद के नगर आयुक्त संजय चौहान का कहना है कि मेरे सामने भी यह मामला पहले आया था। मैंने कमेटी से जांच कराई थी। कई वर्क ऑर्डर कैंसल कर दिए थे। भुगतान रोक दिया था। अब फिर से जांच कराई जाएगी।