एमसीडी का अतिक्रमण अभियान फेल, लोग परेशान
दिल्ली ब्यूरो। दिल्ली में अतिक्रमण व सरकारी जमीन पर कब्जा हटाओ अभियान महज खानापूर्ति बनता जा रहा है। अतिक्रमण हटाने के कुछ घंटों बाद ही वहां दोबारा कब्जा हो रहा है। इस मसले पर एमसीडी अधिकारी पुलिस पर आरोप लगा रहे हैं जबकि जनप्रतिधियों का कहना है कि इस पूरे खेल में एमसीडी और पुलिस की मिलीभगत है। जनप्रतिनिधि इस बात से परेशान हैं लोग खुश होने के बजाय उनसे दोबारा कब्जा होने की शिकायत कर रहे हैं। दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चल रहा है। कई इलाकों में भारी पुलिस बल के साथ एमसीडी दस्ता अतिक्रमण हटा रहा है और सड़कों व फुटपाथ पर हो रहे कब्जों को खाली करा रहा है। स्थानीय कारोबारी व लोग इस ऐक्शन को लेकर खुश है, लेकिन उनकी खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाती है। उसका कारण यह है कि वहां कुछ देर बाद ही दोबारा से कब्जा हो जाता है। लोग इस बात से नाराज हैं कि एक बार ऐक्शन होने के बाद एमसीडी वाले दोबारा वहां ये देखने नहीं आते कि उनके ऐक्शन का क्या असर है। जिन इलाकों में भी अभियान चला है, अब वहां हालात जस के तस नजर आ रहे हैं। इस मसले पर एमसीडी अफसरों का कहना है कि यह पुलिस की जिम्मेदारी है कि वहां पर दोबारा से कब्जा न हो। इस आशय के आदेश सुप्रीम कोर्ट भी जारी कर चुका है। अधिकारी के अनुसार जिस भी स्थान से कब्जा हटाया जाता है तो उसकी जानकारी स्थानीय थानाध्यक्ष को दी जाती है और उनसे कहा जाता है, वहां दोबारा कब्जा नहीं होना चाहिए लेकिन हम हैरान हैं कि दिल्ली में चला यह अभियान फेल हो गया, क्योंकि वहां दोबारा से कब्जा हो गया। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अशोक नगर स्थित चप्पल मार्केट में भी हाल बेहाल है। अशोक नगर डी ब्लॉक गली सकी निगम पार्षद रीना महेश्वरी जी हैं इनके वार्ड में गली में भी अतिक्रमण किया हुआ है। अतिक्रमणकारियों ने सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण कर रखा है। जिसके कारण स्थानीय निवासियों को आने जाने में भी समस्या हो रही है एवं उनको अपनी गाड़ियां निकालने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 30 फुट की गली में भी अतिक्रमण कर रखा है अब आप ही सोचिए की 30 फुट की गली में अतिक्रमण होते हुए पैदल निकलना भी संभव नहीं है।
इसके अतिरिक्त पंचायती धर्मशाला के पास भी लोगों ने अपने घरों के आगे बाकायदा बैरिकेडिंग कर सरकारी जगह पर कब्जा कर लिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है यह अतिक्रमण एमसीडी के अधिकारियों एवं स्थानीय निगम पार्षदों की मिलीभगत से हो रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर अतिक्रमण हटाने पर दोबारा कब्जा हो जाता है तो ऐसे अभियान की जरूरत क्या है। इस अतिक्रमण फेल अभियान को लेकर स्थानीय निवासी बहुत नाराज हैं। लोग इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि उनके इलाके में अवैध कब्जे हटाए जाते हैं पर वहां पर दोबारा कब्जे हो जाते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि दोबारा कब्जा इसलिए हो रहा है, क्योंकि यह सब पुलिस और एमसीडी की मिलीभगत हो होता है। लोगों का कि कहना है कि आखिर यह कब्जा कैसे और किसकी शह पर हो रहा है। अब सवाल यह है कि एक तरफ पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल ने स्वयं अतिक्रमण के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है और दूसरी तरफ पूर्वी दिल्ली नगर निगम से संबंधित अधिकारी एवं स्थानीय निगम पार्षद अतिक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं। अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि स्थानीय निवासियों को इस अतिक्रमण से कब आजादी मिलेगी एवं पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा इन अतिक्रमणकारियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी। अशोकनगर में साफ देखा जा सकता है कि कैसे खुलेआम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।