अलीगढ़ के भदेसी आश्रम में फंदे पर लटका मिला हाथरस के साधु का शव

अलीगढ़। गांधीपार्क क्षेत्र के गांव भदेसी स्थित कबीर परमहंस आश्रम के साधु की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। शनिवार सुबह बुजुर्ग साधु का शव मंदिर परिसर के कमरे में फंदे पर लटका मिला। इस घटना को लेकर वायरल वीडियो ने पुलिस को हत्या या आत्महत्या में उलझाकर रख दिया है। देर शाम तक पुलिस को कोई तहरीर नहीं मिली थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हैगिंग आया है। विसरा संरक्षित कर शव परिवार को सौंप दिया गया है।मूल रूप से हाथरस के गांव लाड़पुर के संत साहिब दास (66 वर्ष) उर्फ लालदास पिछले 20 वर्ष से भदेसी गांव के कबीर परमहंस आश्रम में रहते थे। यहां मंदिर में पूजा-पाठ करते थे। ग्रामीणों के अनुसार, वह करीब एक माह से अचानक आश्रम से गायब हो गए थे। शुक्रवार शाम को लौटे तो ग्रामीणों से मुलाकात हुई।

इसके बाद शनिवार सुबह जब वे सात बजे तक दिखाई नहीं दिए तो ग्रामीणों ने उनके कमरे का दरवाजा खटखटाया। अंदर से कोई आवाज न आने पर झांककर देखा तो कमरे के अंदर पूर्व में मृत साधुओं की समाधि के पास उनका शव फंदे पर एक घंटे की खुंटी से लटका मिला। बगल में स्टूल भी रखा था। इस पर गांव में शोर मच गया और भीड़ जमा हो गई। खबर पर पहुंची पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए शव को भेज दिया। खबर पाकर साधु के भाई एदल सिंह दोपहर तक यहां आ गए। दोपहर तक पुलिस इसे आत्महत्या मान रही थी। मगर इसी बीच लोगों ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिसमें वह आश्रम से जुड़े कुछ लोगों पर आश्रम की 16 बीघा जमीन को खुर्द बुर्द करने का आरोप लगा रहे हैं। इसके बाद पुलिस मामले में हत्या व आत्महत्या के बीच उलझी है। देर शाम तक पुलिस को कोई तहरीर नहीं मिली थी। एक महीने तक बाबा कहां रहे, इस विषय में परिवार या अन्य किसी से कोई जानकारी नहीं मिली है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हैगिंग यानि आत्महत्या करना ही आया है। फिर भी अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर विसरा जांच को भेजा गया है।

साहिब दास उर्फ लालदास की मौत को बेशक पुलिस आत्महत्या मान रही थी। मगर, वीडियो आने के बाद अन्य पहलू भी जांच में शामिल हो गए। जब जमीन का जिक्र सामने आया तो पता चला कि लालदास के पूर्वज साधु गया दास ने यह जमीन किन्हीं दो लोगों के नाम लिख दी थी। अब लालदास चाहते थे कि यह जमीन खुर्द बुर्द न हो। मंदिर में ही प्रयोग हो। इसी को लेकर उनके तरह तरह के आरोप रहते थे।

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