यूं नहीं हमारा भारत महान: इंसान ही नहीं कीमती है जानवर की भी जान

गाजियाबाद ब्यूरो। रूस के हमलों के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार जुटी हुई है। नागरिकों की वापसी के लिए अभियान में तेजी लाई गई है। ऑपरेशन गंगा अभियान के तहत तीन और भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान कल देर रात और आज तड़के हिंडन एयरबेस पर उतरे। रूस के हमलों से प्रभावित यूक्रेन से इन तीन विमानों में 630 भारतीय नागरिकों को रोमानिया और हंगरी में हवाई क्षेत्रों का उपयोग करके लाया गया है। दिल्ली मयूर विहार ईस्टर्न अपार्टमेंट में रहने वाले जुड़वा भाई रोहन और बहन श्वेता दोनों यूक्रेन से निकल कर रोमानिया बॉर्डर पहुंचे। इसके बाद पांच दिन तक बंकर और बेसमेंट में रहे। श्वेता का कहना है कि उनके माता-पिता हार्ट के मरीज हैं। इसी वजह से वह फोन पर बात करने के दौरान उन्हें अपनी परेशानी नहीं बताते थे। वहीं, रोहन का कहना है कि इस बार उनका आखिरी वर्ष बाकी रह गया है। उसकी पढ़ाई करने और डिग्री लेने के लिए दोबारा यूक्रेन जाएंगे। वहीं भारतीय छात्रों के हाथों में पालतू जानवर चर्चा का विषय बने हुए हैं।भारतीय वायुसेना का पांचवा सी-17 ग्लोबमास्टर विमान गुरुवार रात करीब 10:56 बजे 210 भारतीयों को लेकर हिंडन एयरफोर्स पहुंचा। इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने आने वाले भारतीय नागरिकों का स्वागत किया।

इसके साथ ही यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर एक स्पेशल फ्लाइट पहुंची। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने एयरपोर्ट पर छात्रों का स्वागत किया। इंदिरापुरम के ज्ञानखंड-तीन स्थित शिप्रा रिवेरा सोसायटी निवासी अंश और आशना गुरुवार को घर पहुंचे। ऑपरेशन गंगा के तहत पोलैंड से इन्हें दिल्ली लाया गया। मां को देखकर आशना की आंखें भर आईं। सोसायटी में पहुंचने पर लोगों ने भाई-बहन का स्वागत किया। पिता अनिल पंडित ने भारत सरकार और सांसद वीके सिंह के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि बच्चे अपने रिस्क पर पौलेंड पहुंचे थे लेकिन वहां उन्हें बेहतर व्यवस्था मिली।महाराष्ट्र निवासी हैदर अपने पालतू कुत्ते लूना को साथ लेकर आए।

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