आचार संहिता उल्लंघन करने वाले यूपी के नेता चुनाव बाद काटेंगे कोर्ट के चक्कर
- प्रमुख पार्टी नेताओं पर आचार संहिता उल्लंघन के बड़ी तादाद में दर्ज केस
- पुलिस ने चार्जशीट लगानी शुरू की, बागपत में 10 केस में चार्जशीट लगाई
- वेस्ट यूपी के 15 से ज्यादा जिलों में पुलिस क तैयारी, मिलेंगे नोटिस
उत्तर प्रदेश डेस्क। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग और पुलिस-प्रशासन के कसे शिकंजे के बावजूद सियासी दलों के प्रत्याशियों ने वेस्ट यूपी में आचार संहिता उल्लंघन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ऐसा करने वालों में मंत्री दिनेश खटीक, कपिल देव अग्रवाल के अलावा सात विधायक, पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के साथ सत्ता पक्ष और विपक्ष के प्रत्याशी और पदाधिकारी शामिल हैं। अब पुलिस ने सभी जिलों में चार्जशीट दाखिल करना शुरू कर दिया है। बागपत में 10 केस में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, हापुड़, बुलंदशहर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बिजनौर, रामपुर आदि जिलों में पुलिस चार्जशीट दाखिल करने जा रही हैं। अपर पुलिस महानिदेशक, कानून व्यवस्था सभी जिलों के एसएएसपी/एसपी को पहले ही हिदायत दे चुके हैं कि आचार संहिता उल्लंघन के केस में चुनाव खत्म होने के 15 दिन में चार्जशीट दाखिल करें। ऐसे में पुलिस नामजद नेताओं को अपना पक्ष रखने के लिए जल्द नोटिस भी जारी करेगी। दरअसल, वेस्ट यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर 10 फरवरी और नौ जिलों की 55 सीटों पर 14 फरवरी को मतदान हुआ था।
मेरठ में कसा शिकंजा..
वोटिंग से पहले ही हर जिले में पुलिस ने निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए अपराधियों और चुनाव प्रभावित करने वाले लोगों पर कार्रवाई की थी। कई-कई हजार लोगों को मुचलका पाबंद किया था। अकेले मेरठ में 6 हजार को मुचलका पाबंद किया था। पूर्व में चुनाव प्रभावित करने वाले वाले 200 से ज्यादा बवालियों पर शिकंजा कसा था। कई हथियार फैक्ट्री पकड़ी थी। अवैध शराब की खेप पकड़ी थी। मेरठ में 2022 के चुनाव में 23 मुकदमे दर्ज हुए हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में 39 और 2019 के लोकसभा चुनाव में 18 केस आचार संहिता उल्लंघन के दर्ज हुए थे। पुलिस ने केस के सिलसिले में जिलों से जुटाई वीडियो और फोटो से साफ है कि प्रत्याशियों ने भीड़ जुटाकर आचार संहिता तोड़ी। मेरठ में भाजपा के कमल दत्त शर्मा, सोमेंद्र तोमर, अमित अग्रवाल, सपा रालोद गठबंधन के प्रत्याशी गुलाम मोहम्मद, योगेश वर्मा, मनीषा अहलावत, रफीक अंसारी, आदिल चौधरी, अतुल प्रधान आदि और उनके सैकड़ों समर्थकों पर केस दर्ज हुए हैं। पुलिस सभी को नोटिस देकर पक्ष रखने का वक्त देगी। उसके बाद चार्जशीट दाखिल करेगी। मेरठ के एसएसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है पुलिस जल्द चार्जशीट दाखिल करेगी। चुनाव आयोग को केस की जानकारी भेज दी है। सभी मुकदमों में पुलिस ने वीडियो और फोटो जुटाए हैं। उनके आधार पर चार्जशीट दाखिल होगी।
बागपत जिले में प्रत्याशियों, नेताओं और कार्यकर्ताओं पर चुनाव आचार संहिता तोड़ने के 26 केस लिखे गए हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव 15 केस लिखे गए थे। बागपत पुलिस ने अब तक दस केस में चार्जशीट लगा दी हैं, अन्य में लगाने की तैयारी है। बागपत में सबसे ज्यादा रालोद के प्रत्याशियों पर केस दर्ज हुए हैं। इनमें बड़ौत प्रत्याशी जयवीर तोमर, छपरौली प्रत्याशी अजय कुमार और बागपत प्रत्याशी अहमद हमीद शामिल हैं। भाजपा के बागपत से प्रत्याशी योगेश धामा और बड़ौत प्रत्याशी केपी मलिक और कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज हुए। एसपी बागपत नीरज कुमार जादौन का कहना है कि आचार संहिता उल्लंघन के दस केस में चार्जशीट लग चुकी है। अन्य में जल्द दाखिल करेंगे।
अमरोहा में आचार संहिता और कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करने के मामले में सात प्रत्याशियों के खिलाफ 12 एफआईआर दर्ज हैं। प्रत्याशियों के 600 से अधिक अज्ञात समर्थक भी आरोपी हैं। पुलिस सभी में चार्जशीट दाखिल करेगी। दरअसल, हसनपुर में सपा प्रत्याशी मुखिया गुर्जर, विधायक एवं भाजपा प्रत्याशी महेंद्र सिंह खड़गवंशी, डिडौली पुलिस ने कांग्रेस प्रत्याशी सलीम खान, बसपा प्रत्याशी शादाब खां उर्फ टाटा, बसपा जिलाध्यक्ष सोमपाल सिंह, भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र नागपाल पर गजरौला, अमरोहा नगर और रजबपुर पुलिस ने केस लिखा है। अमरोहा नगर में बसपा प्रत्याशी जावेद अयाज और नौगांवा सादात पुलिस ने सपा प्रत्याशी समरपाल सिंह पर एफआईआर दर्ज की हैं।