दुनिया में हर और से घिर चुके रूस को हैं चीन से उम्मीदें

अंतर्राष्ट्रीय डेस्क।रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है, इसी को लेकर पश्चिम के देशों ने रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंधों की झड़ी लगा दी है। आर्थिक प्रतिबंधों के असर को कम करने के लिए रूस चीन की ओर देख रहा है, लेकिन राष्ट्रपति शी जिनपिंग सरकार इस बात के संकेत नहीं दे रही है कि वह रूस की ज्यादा मदद कर पाएगी। इसकी वजह है अमेरिका और यूरोपीय बाजारों तक चीन की पहुंच। अगर चीन रूस की ज्यादा मदद करता हुआ दिखाई दिया तो यूरोपीय बाजारों तक उसकी जो पहुंच है उसमें जोखिम पड़ सकता है। इसीलिए चीन रूस की ज्यादा मदद करके अमेरिका और यूरोपीय बाजारों तक अपनी पहुंच को जोखिम में डालने को बिल्कुल तैयार नहीं है। चीन अगर चाहता भी है तो गैस और सामानों का ज्यादा से ज्यादा आयात करके रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समर्थन की उसकी सीमा सीमित है।

रूस और चीन के संबंध 2012 में शी जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद बहुत अच्छे हैं, इसका कारण है कि रूस और चीन की साझी नाराजगी अमेरिका से है। आज भले ही चीन और रूस के संबंध बहुत अच्छे हों, भले ही दोनों देश मिलकर युद्ध अभ्यास करते हों, लेकिन पुतिन मध्य एशिया और रूस के सुदूर पूर्वी इलाकों में चीन की आर्थिक मौजूदगी को लेकर सहज नहीं हैं। शंघाई यूनिवर्सिटी ऑफ पोलिटिकल साइंस एंड लॉ के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञ ली शीन ने कहा, चीन रूस के संबंध इतिहास के सबसे अच्छे दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच कोई समझौता नहीं है।आपको बता दें रूसी हमले के जवाब में अमेरिका, ब्रिटेन समेत 27 राष्ट्रों के यूरोपीय संघ और अन्य पश्चिमी सहयोगीयों ने रूसी बैंकों, अधिकारियों, व्यापारिक नेताओं और कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिए हैं।

चीनी कंपनियां इस हालात का इस्तेमाल बेहतर सौदे के रूप में भुनाने के लिए कर सकती हैं, लेकिन खुले तौर पर प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के लिए दंडित किए जाने वाले कदमों से बचेंगी। एशिया इकोनॉमिस्ट फॉर कैपिटल इकोनॉमिक्स के मुख्य मार्क विलियम्स ने कहा चीन इतना मशगूल नहीं होना चाहता कि उसे रूस को समर्थन देने के लिए खुद भी मुश्किलों का सामना करना पड़े।

पिछले साल रूस और चीन का व्यापार बढ़कर 146.9 अरब डॉलर पर हो गया, लेकिन यह अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ चीन के कुल 1.6  मिलियन डॉलर के व्यापार के दसवें हिस्से से भी कम है। विलियम्स ने कहा यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि क्या रूस की मदद के लिए चीन पश्चिमी बाजारों तक अपनी पहुंच को जोखिम में डालने के लिए तैयार है, और मुझे नहीं लगता कि चीन ऐसा करने के लिए तैयार है। चीन के लिए रुस इतना बड़ा बाजार नहीं है।

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