दिल्ली के नगर निगम के पार्कों में नहीं बन सकेगा बरात के लिए पकवान, बाहर से मंगवाना पड़ेगा खाना

नई दिल्ली डेस्क। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के पार्कों में बरात के लिए पकवान नहीं बन पाएगा। पहले निगम के पार्कों में विवाह और धार्मिक आयोजनों की बुकिंग होती थी, तब यहीं कार्यक्रम के लिए पकवान भी बन जाया करता था, लेकिन अब बरातियों के लिए खाना बाहर से मंगवाना पड़ेगा। दक्षिणी निगम पहले क्षेत्र के नागरिकों को शादी समारोहों और धार्मिक आयोजनों के लिए अपने पार्कों की बुकिंग करता था। यहां अधिकतर कम आय वाले लोग साफ-सफाई कराने के लिए बहुत छोटी सी राशि निगम को देते थे और शादी-विवाह के कार्यक्रम निपटा लिया करते थे। गरीब व कम आय वर्ग के लोगों को इससे बड़ी सहूलियत मिलती थी, क्योकि वह अपने बच्चों की शादी के लिए मंहगे बैंक्वेट हॉल बुक करने में समर्थ नहीं थे। लेकिन उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बाद निगम ने पार्कों में कार्यक्रमों की बुकिंग बंद हो गई थी।

बीती जनवरी में उच्चतम न्यायालय ने एक निर्देश दिया कि निगम के पार्कों में महीने मे 10 दिन से अधिक कार्यक्रम की बुकिंग नहीं हो सकती। निगम शादी-विवाहों की बुकिंग के लिए सामुदायिक भवनों का निर्माण कराए, पार्क कार्यक्रम आयोजन के लिए नहीं होते।कोर्ट के इस आदेश के बाद निगम ने तय किया कि वो महीने में 10 दिन ही पार्कों को कार्यक्रमों के लिए बुक करेगा, ताकि कम आय वाले नागरिकों को सहूलियत मिलती रहे। लेकिन डीपीसीसी के कड़े नियमों के कारण निगम को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के निर्देश के बाद निगम के सामने सवाल खड़ा हुआ कि उनके पार्कों में अगर शादी विवाह की बुकिंग होगी और वहां पर बारात रुकेगी, तो बारात के लिए भोजन कहां से आएगा। दक्षिणी निगम के स्थायी समिति अध्यक्ष कर्नल बीके ओबरॉय ने कहा कि कम आय वाले लोगों के पास इतना पैसा नहीं होता कि वो बाहर से डब्बा बंद खाना बारातियों के लिए मंगवा सकेंगे। पार्क में भोजन पकाने और बर्तन धोने के दौरान वहां गंदगी फैलेगी, पार्क में इस गंदगी की निकासी के लिए कोई गतिविधि वहां पर करना संभव नहीं है। इसलिए पार्कों को 10 दिनों के लिए बुकिंग पर देने के निर्णय को वापस ले लिया गया।

 

 

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