नोएडा में महिला ने पुलिस चौकी पर खुद को किया आग के हवाले
नोएडा ब्यूरो। गांव के लोगों के बदनाम करने और आरोपियों पर फेज टू पुलिस के कार्रवाई नहीं करने से नाराज एक महिला ने मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे एनएसईजेड चौकी के बाहर केरोसिन छिड़ककर आग लगा ली। पुलिसकर्मियों ने आग बुझाकर उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। बाद में 70 प्रतिशत झुलसे होने से महिला को सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि कोतवाली फेज टू पुलिस महिला की सुनवाई नहीं कर रही थी और उसे जांच के नाम पर थाने व चौकियों पर बुलाकर परेशान किया जा रहा था। बहलोलपुर निवासी मोनू का आरोप है कि बहन संगीता (32) फेज टू क्षेत्र के इलाहाबांस गांव में पति सोनू व चार बच्चों के साथ रहती है। संगीता का ससुराल के लोगों से विवाद चल रहा है। आरोप है कि कुछ समय पहले संगीता से मारपीट भी की गई थी। 20 फरवरी को संगीता ने कोतवाली फेज टू पुलिस से शिकायत की थी कि गांव के नीरज व सुमित उसे बदनाम कर रहे हैं। कोतवाली फेज टू प्रभारी ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और जांच के नाम पर उसे थाने व चौकियों में बुलाकर घंटों परेशान किया। संगीता बदनामी व पुलिस की कार्यशैली से नाराज थी। मंगलवार को भी उसे एनएसईजेड चौकी पर बुलाया गया था, जहां फिर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने चौकी प्रभारी कक्ष के गेट पर केरोसिन शरीर पर छिड़क लिया और आग लगा ली।
इसके बाद चौकी में मौजूद पुलिसकर्मियों ने वहां खड़ी पीसीआर से कंबल व चौकी से पर्दा निकालकर आग को बुझाया। उसे तुरंत ही यथार्थ अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद दिल्ली भेज दिया गया। इधर, सेंट्रल जोन के एडीसीपी इलामारन जी घटनास्थल पर पहुंचे तो चौकी में कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। वहां एक शख्स मौजूद था, जिसने एडीसीपी को घटना के बारे में बताते हुए कहा कि चौकी प्रभारी दिल्ली गए हैं।भाई मोनू का आरोप है कि संगीता कई महीनों से प्रताड़ित थी। कुछ दिनों से उसे काफी बदनाम किया जा रहा था। इससे दुखी होकर उसने फेज टू पुलिस से शिकायत की थी। चौकी प्रभारी का बहन के विरोधियों के साथ उठना बैठना था। उन लोगोें का कोतवाली फेज टू में भी आना जाना था। इस कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। जांच के नाम पर घंटों बहन को चौकी व थाने में बैठाया जाता था। इससे वह काफी तनाव में थी। अगर पुलिस वाले जिम्मेदारी निभाते तो बहन आत्मदाह का प्रयास नहीं करती। भाई मोनू ने बताया कि बहन सत्तर फीसदी झुलस गई है और जब नोएडा से उसे सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया तो करीब दो घंटे के बाद वह दाखिल हो पाई। मोनू ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ बहन की देखभाल में लगा है। उसके बहनोई कैब चालक हैं।
संयुक्त पुलिस आयुक्त लव कुमार ने बताया कि महिला ने 20 फरवरी को गांव के नीरज व सुमित के खिलाफ शिकायत की थी। इसमें महिला ने बदनाम करने का आरोप लगाया था। इसके बाद नीरज की पत्नी ने भी शिकायत दी थी कि महिला ने लोगों से उधार पैसे लिए थे और वापस मांगने पर आरोप लगा रही है। इस मामले की जांच चल ही रही थी कि महिला ने आत्मदाह का प्रयास कर लिया। अब पूरे प्रकरण की जांच सेंट्रल नोएडा के एसीपी प्रथम को दी गई है।
कमिश्नरेट बनने के बाद कई थानों की कार्यशैली में सुधार हुआ है, लेकिन एक साल से कोतवाली फेज टू पुलिस की कार्यशैली पर लोग सवाल खड़े कर रह हैं। लोगोें का आरोप है कि थाने में सुनवाई नहीं होती है। एक साल में कई घटनाएं सामने आई हैं जिसमें फेज टू पुलिस के कारनामे सामने आए हैं। लॉकडाउन के दौरान गेझा में पुलिस की मिलीभगत से दुकानों को खुलवाने व लापरवाही बरतने का आरोप लगा था। एक फैक्ट्री में हुई डकैती को चोरी की धाराओं में दर्ज किया गया था। एक वकील के साथ मारपीट व बदसलूकी करने का आरोप लगा था। इसमें कमिश्नरेट बनने के बाद पहली बार वकीलों ने कार्यालय के बाहर सड़क पर जाम लगाकर धरना दिया था।