आजमगढ़ का गैंगस्‍टर अमरजीत यादव जेल से छूटने के कुछ देर बाद दोबारा गिरफ्तार

Azamgarh gangster Amarjeet Yadav arrested again shortly after being released from jail

  • आजमगढ़ जेल में बंद अमरजीत यादव को बुधवार को मिली थी जमानत
  • जेल से छूटने के बाद निकाला कारकेड, जांच के दौरान पुलिस से बदसलूकी
  • पुलिस ने फिर किया गिरफ्तार, सात वाहनों को भी कर लिया गया है जब्त

आजमगढ़/उत्तर प्रदेश। आजमगढ़ से एक अलग ही मामला सामने आया है। एक हिस्टीशीटर जेल से छूटा तो उसके समर्थक खुशियां मनाने पहुंच गए। जेल गेट से 30 गाड़ियों का काफिला निकला। हिस्ट्रीशीटर के काफिले की खबर मिलते ही पुलिस एक्टिव हुई। उसे गांव जाने के क्रम में एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया गया। काफिले में चल रही सात गाड़ियों को भी पुलिस ने सीज किया है। उनके चालकों को हिरासत में लिया गया है। एक कार से पांच लाख रुपये नकद, मिठाइयां और फूल-माला बरामद किए गए। पुलिस की ओर से कार्रवाई की जानकारी दी गई है।दरअसल, आजमगढ़ जिला कारागार में बंद हिस्ट्रीशीटर अमरजीत यादव को बुधवार देर रात रिहा किया गया था। अमरजीत महराजगंज क्षेत्र के हथियारगढ़ गांव का रहने वाला है। अमरजीत यादव के खिलाफ आजमगढ़, जौनपुर और गोरखपुर में 30 आपराधिक केस दर्ज हैं। गैंगस्टर में अमरजीत इटौरा स्थित जिला जेल में बंद था। बुधवार को जमानत मिलने के बाद उसकी रिहाई हुई थी।
अमरजीत यादव के जेल से छूटने के बाद बड़ी संख्या में रिश्तेदार और समर्थक जुटे थे। बुधवार रात करीब 11:30 बजे वह जेल से निकला। जेल से घर जाने के लिए वह गाड़ियों के काफिले के साथ निकला था। जेल के आगे तिराहे पर इटौरा पुलिस चौकी प्रभारी धर्मेंद्र कुमार ने इस काफिले को रोका। चौकी प्रभारी काफिले की गाड़ियों की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान अमरजीत यादव अपनी गाड़ी से उतरा और उसने चौकी प्रभारी के साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी। इसी दौरान उनकी वर्दी पर लगे नेम प्लेट को भी नोच दिया। अमरजीत ने चौकी प्रभारी को जान से मारने की धमकी दी। एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने इस मामले में बताया कि बीएनएस की धारा 163 का उल्लंघन करने और पुलिस से अभद्रता के मामले में केस दर्ज किया गया है। इन मामलों में आरोपी गैंगस्टर अमरजीत यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अमरजीत यादव पर समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी की हत्या का आरोप है। दरअसल, मुलायम सिंह यादव के करीब ज्योतिषी रमेश तिवारी की वर्ष 2012 में हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में अमरजीत को आरोपी बनाया गया था। कोर्ट ने भी इस मामले में अमरजीत को दोषी करार दिया। उसे कोर्ट से उम्र कैद की सजा मिली हुई है। जेल से निकले अमरजीत यादव को लेने करीब 50 लग्जरी गाड़ियां जेल पहुंची थीं। इनमें कई पार्टियों के झंडे लगे थे। तिराहा पर विवाद हुआ तो कई वाहन चालक चुपके से वहां से निकल भागे। मौके पर तीन थानों की पुलिस पहुंच गई। इसके बाद अफरातफरी मच गई। पुलिस केवल 7 गाड़ियों को ही जब्त कर सकी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button