सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी निलंबित आईएएस पूजा सिंघल को बेल, जमानत याचिका खारिज

Supreme Court did not grant bail to suspended IAS Pooja Singhal, bail plea rejected

नई दिल्ली/एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड कैडर की निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने इसे असाधारण मामला बताते हुए झारखंड उच्च न्यायालय के जमानत देने से इनकार करने के फैसले को बरकरार रखा। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने मामले की असाधारण प्रकृति पर जोर देते हुए सिंघल की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने चल रहे मुकदमे के बारे में चिंताओं का हवाला दिया और इसे शीघ्र पूरा करने का आग्रह किया।
त्वरित सुनवाई की उम्मीद जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बड़ी संख्या में अभियोजन पक्ष के गवाहों से पहले ही पूछताछ की जा चुकी है। जमानत से इनकार करने का निर्णय सिंघल के खिलाफ आरोपों की गंभीरता और एक संपूर्ण कानूनी प्रक्रिया की आवश्यकता को दर्शाता है। जमानत याचिका खारिज करते हुए अदालत ने सिंघल को हालात बदलने या मुकदमा लंबा खिंचने पर अपनी याचिका फिर से शुरू करने की छूट दी। यह निर्णय भविष्य में पुनर्विचार के लिए कानूनी अवसर प्रदान करता है।
प्रवर्तन निदेशालय का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सिंघल की जमानत याचिका का विरोध किया, जिसमें उनकी हिरासत की पर्याप्त अवधि का हवाला दिया गया, जिसमें रांची के एक अस्पताल में बिताया गया समय भी शामिल था।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनसे जुड़ी संपत्तियों पर की गई छापेमारी के बाद सिंघल 11 मई, 2022 से हिरासत में हैं। यह मामला महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के इर्द-गिर्द घूमता है। प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच के तहत कथित अवैध खनन से जुड़ी 36 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त करते हुए सिंघल पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

शयद आपको भी ये अच्छा लगे
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा।