आखिर पकड़ा गया वंदे भारत पर पत्‍थर बरसाने वाला

The person who pelted stones at Vande Bharat was finally caught

आगरा/उत्तर प्रदेश। आगरा होकर गुजरने वाली वंदे भारत, गतिमान और राजधानी जैसी हाईस्पीड ट्रेनों पर पत्थर बरसाने वाला आरोपी आखिरकार पकड़ा गया। वीरेंद्र कुमार नाम के इस शख्‍स को आरपीएफ टीम ने अरेस्‍ट किया है। वह रुनकता और कीठम के बीच गुजरने वाली ट्रेनों को शिकार बनाता था। वह पटरियों के पास पड़ी गिट्टियों को उठाकर ट्रेन पर मारता था। इससे ट्रेन का कांच चकनाचूर हो जाता है। बुधवार शाम भी उसने राजधानी ट्रेन (22222) पर पत्थर बरसाए थे। आरपीएफ टीम ने देर रात तक आरोपी को कीठम के पास से गिरफ्तार कर लिया है। बाद में उसे गुरुवार को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया।
आगरा कैंट आरपीएफ निरीक्षक शिशिर झा ने बताया कि लंबे समय से हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत, गतिमान, राजधानी पर पत्थर मारने की शिकायतें मिल रही थीं। टीमें लगातार आरोपियों की तलाश में जुटी थीं। बुधवार शाम को राजधानी मुंबई ट्रेन (22222) पर पत्थर मारे गए। इससे ट्रेन के कोच संख्या ए-3 की बर्थ नंबर 17 का कांच टूट गया। हालांकि किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं हुआ था। इससे एक दिन पहले गतिमान और शताब्दी पर भी पत्थर बरसाए गए थे। आरपीएफ टीम ने बुधवार रात को कीठम के पास ने वीरेंद्र कुमार पुत्र कप्तान सिंह निवासी थाना डौकी गांव बिलहनी को गिरफ्तार किया है, जिसे कोर्ट में पेशी के बाद गुरुवार को जेल भेज दिया है।
राजा की मंडी रेलवे स्टेशन आरपीएफ चौकी प्रभारी लक्ष्मण पचौरी ने बताया कि आरोपी वीरेंद्र कुमार पकड़े जाने पर उन्हें धमकाने लगा। कभी उन्हें एमबीए का स्टूडेंट बताने लगा तो कभी बीटेक का। यही नहीं उसने कमिश्नर से शिकायत करने की धमकी भी दी। उन्होंने बताया कि जब सख्ती से पूछताछ की गई और पड़ताल की गई तो वीरेंद्र कुमार ने बताया कि वह शौकिया तौर पर ट्रेनों में पत्थर मारता है। वह अक्सर ऐसी ट्रेनों पर पत्थर मारता है जिनके सभी कोच एसी होते हैं। कोचों में लगे कांचों को तोड़ने में उसे मजा आता है।
बुधवार शाम को वीरेंद्र ने ट्रेन 22222 के कोच ए-3 की 13 नंबर बर्थ पर पत्थर मारा था। इस बर्थ की खिड़की के पास महिला यात्री बैठी थी। हालांकि पत्थर अंदर तक नहीं पहुंच सका था, नहीं तो महिला के गंभीर चोट लग सकती थी। आरपीएफ सब इंस्पेक्टर लक्ष्मण पचौरी का कहना है कि ट्रेन हाईस्पीड होती हैं। पत्थर इतनी तेजी से आता है कि शरीर के जिस अंग पर पड़ता वह डेमेज हो सकता है। गनीमत रही कि पत्थर बाहर कांच तक ही रह गया, अगर अंदर आ जाता तो महिला यात्री घायल हो सकती थी। आरोपी पर रेलवे एक्ट के तहत 153 और 147 के तहत केस दर्ज किया गया है। इसमें 5 साल तक की सजा का प्रावधान है।

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