ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को मिली जान से मारने की धमकी, इंटरनेशनल नंबर से आ रहे कॉल

Judge who gave verdict on Gyanvapi received death threats, calls coming from international number

लखनऊ/एजेंसी। 2022 में वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण का आदेश देकर सुर्खियों में आए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने अंतर्राष्ट्रीय नंबरों से मौत की धमकी प्राप्त करने के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। बरेली के पुलिस अधीक्षक को लिखे अपने पत्र में न्यायमूर्ति दिवाकर ने दावा किया कि उन्हें 15 अप्रैल को एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से कॉल आया और जान से मारने की धमकी दी गई। कुछ दिन बाद इसी तरह की एक और कॉल आई। न्यायमूर्ति दिवाक का हाल ही में बरेली में ट्रांसफर किया गया है। उन्होंने पहले भी कहा था कि उन्हें और उनके परिवार को धमकियाँ मिली थीं। जज ने मामले की जांच की मांग की है।
बरेली स्थानांतरित होने के बाद, न्यायमूर्ति दिवाकर ने 2018 बरेली दंगा मामले में स्वत: संज्ञान कार्रवाई शुरू की। उन्होंने मौलाना तौकीर रज़ा को 2018 के बरेली दंगों में कथित मास्टरमाइंड होने के आरोप में मुकदमे का सामना करने का आदेश दिया था। दंगे में करोड़ों रुपए की संपत्ति नष्ट हो गई और बरेली में 27 दिन तक कर्फ्यू लगा रहा। अप्रैल 2022 में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के वीडियो सर्वेक्षण का आदेश देने के तुरंत बाद न्यायमूर्ति दिवाकर को धमकियां मिलनी शुरू हो गईं। उन्होंने मस्जिद परिसर के अंदर वुज़ू खाना (स्नान क्षेत्र) को सील करने का भी आदेश दिया था।
न्यायाधीश द्वारा धमकियों पर चिंता जताए जाने के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उन्हें और उनके परिवार को वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का आदेश दिया था। हालांकि, बाद में इसे घटाकर एक्स कैटेगरी कर दिया गया। न्यायाधीश के वर्तमान सुरक्षा विवरण में दो सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। उनके एक सहकर्मी ने कहा कि यह पर्याप्त नहीं है क्योंकि दोनों कर्मी हथियारों से लैस नहीं थे।

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