जाति और क्षेत्र के आधार पर नहीं, बल्कि गुलामी की व्यवस्था खत्म करने के लिए करना होगा वोट : अश्विनी उपाध्याय

Voting will have to be done not on the basis of caste and region, but to end the system of slavery: Ashwini Upadhyay

देश में आम चुनाव का बिगुल बज चुका है। राजनीतिक दल अपनी ओर से उम्मीदवारों की सूची जारी कर रहे हैं। देश और दुनिया की निगाहें भारत के चुनाव पर है। साथ ही इस चुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों अपनी ओर से पूरी ताकत लगा रहे हैं। चुनाव आयोग देश में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पूरी निष्ठा से कम कर रहा है। हालांकि, तमाम मेहनत के बावजूद भी 100% मतदान में देश को कामयाबी नहीं मिल पाई है। ऐसे में भारत के नागरिक होने के नाते हम सब का कर्तव्य है कि पहले मतदान करें, फिर जलपान करें। मतदान अपने क्षेत्र के साथ-साथ देश के विकास के लिए करें। देश की तरक्की के लिए करें। उम्मीदवार की छवि को भी ध्यान में रखें। जितना ज्यादा हम मतदान करेंगे, उतना ही हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा। इसी को लेकर देश के प्रसिद्ध अधिवक्ता और भारत के पीआईएल मैन के रूप में विख्यात अश्विनी उपाध्याय ने अपनी बात रखी है, सुनते हैं।
अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि इस बार हमें सोच समझ कर मतदान करना है। जाति, क्षेत्र, भाषा के आधार पर हमें वोट नहीं करना है बल्कि हमें देश के लिए वोट करना है। देश को मजबूत बनाने के लिए वोट करना है। हमें मुद्दों पर वोट करना है। भारत इंडिपेंडेंट तो है पर स्वतंत्र नहीं है। भारत में अभी भी अपना तंत्र नहीं है। गुलामी का नाम चल रहा है। गुलामी की कई तरीके की व्यवस्थाएं आज भी हमारे देश में लागू है। इन्हें जड़ से मिटाने के लिए हमें इस बार मतदान करना होगा। उन्होंने कहा कि अभी भी देश में बाबर और हुमायूं के नाम पर सड़के हैं। तो ऐसे में हमारा कहां कुछ चल रहा है। कई जगह हमें गुलामी के निशान भी देखने को मिल जाते हैं। इस बार हमें मतदान गुलामी के निशान को खत्म करने के लिए भी करना होगा। मतदान हमें गुलामी की कुरीतियों को खत्म करने के लिए करना होगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि हमें मतदान गुलामी की शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने के लिए करना होगा। मुगल आए थे तो देश में मदरसा शुरू हुआ, अंग्रेज आए तो कान्वेंट स्कूल शुरू हुआ, हमारा अपना कहां है। हमारे देश की वैदिक गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था धीरे-धीरे खत्म हो गई है। जो भी पार्टी भारतीय शिक्षा व्यवस्था लागू करने की बात करें उसे ही वोट करें। विदेशी गुलामी वाले चिकित्सा को खत्म करने के लिए वोट करें। भारत की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरीके से दबी हुई है। उसको दुरुस्त करने के लिए वोट करें। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी हमारी पुलिस गुलामी वाली है। इसको खत्म करने के लिए हमें वोट करना होगा। पहले हमारी पुलिस अंग्रेजों के इशारों पर नाचती थी, अब सत्ता के इशारों पर नाचती हैं। उन्होंने कहा कि हमारी न्यायिक व्यवस्था भी गुलामी वाली चल रही है। इसी को खत्म करने के लिए वोट करें।

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