जामा मस्जिद में अकेली लड़की या लड़कियों के आने पर पाबंदी

Restriction on the entry of single girl or girls in Jama Masjid

नई दिल्ली दिल्ली की एतिहासिक जामा मस्जिद में अकेली लड़की या लड़कियों के आने पर पाबंदी लगा दी गई है। मस्जिद की दीवार पर स्टील का सूचना पट लगाकर इसकी जानकारी दी गई है। जामा मस्जिद प्रशासन के इस फैसले की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना हो रही है। विश्व हिंदू परिषद ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इस फैसले का विरोध किया है। इधर, जामा मस्जिद प्रशासन का कहना है कि धार्मिक स्थल की मर्यादा को बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। महिलाएं अपने परिवार के साथ मस्जिद में पहले की तरह आ सकती हैं, उन पर कोई पाबंदी नहीं है।बुधवार सोशल मीडिया पर इस फैसले की खूब आलोचना हुई। सोशल मीडिया पर सूचना पट की फोटो डालकर लोग इसे तालिबानी फैसला बता रहे हैं।

सूचना पट पर उर्दू और हिंदी में लिखा था कि जामा मस्जिद में लड़की और लड़कियों के दाखिले पर पाबंदी है। विश्व हिंदू परिषद् के प्रवक्ता विनोद बंसल ने इसकी आलोचना करते हुए ट्वीट किया है कि भारत को सीरिया बनाने की मानसिकता पाले ये मुस्लिम कट्टरपंथी ईरान की घटनाओं से भी सबक नहीं ले रहे हैं, यह भारत है। यहां की सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पर बल दे रही है। वहीं, जामा मस्जिद के प्रवक्ता सबीउल्लाह ने फैसले को सही बताते हुए कहा कि मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे या कोई भी धार्मिक स्थल हो, उसकी एक मर्यादा और इज्जत होती है। इसको बरकरार रखना जरूरी है। कई बार देखा गया कि अकेली लड़कियां या लड़की आकर इस मर्यादा को भंग करती हैं। इसको ध्यान में रखते हुए ही यह फैसला लिया गया है। बाकी महिलाएं व लड़कियां अपने परिवार के साथ पहले की तरह आ सकती हैं, उनके परिवार के साथ आने पर कोई पाबंदी नहीं है।

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