फतेहपुर के पशु चिकित्साधिकारी सस्पेंड, फतेहपुर डीएम की गाय के लिए डॉक्टरों की ड्यूटी का लेटर वायरल करने का आरोप
फतेहपुर,(उत्तर प्रदेश)। फतेहपुर जिले में डीएम आवास की गाय में लगाए गए डॉक्टरों के मामले का ठीकरा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी पर फूटा। गाय की देखरेख में लगाए गए सात डॉक्टरों की ड्यूटी वाला पत्र वायरल होने के बाद से शासन और प्रशासन में डीएम की काफी किरकिरी हो रही थी। डीएम आवास की गाय का इलाज कराने के लिए पशु डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने वाले पशु चिकित्साधिकारी एसके तिवारी को शासन ने रविवार देर शाम निलंबित कर दिया है।
डीएम ने पशु चिकित्सा अधिकारी पर लगाए थे छवि धूमिल करने के आरोप
ड्यूटी लगाने वाला पत्र वायरल होने के बाद डीएम अपूर्वा दुबे ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एसके तिवारी पर छवि धूमिल करने का आरोप लगाया था। डीएम ने कहा था कि पशु चिकित्सा अधिकारी सुनियोजित तरीके से मेरी छवि धूमिल करने के लिए 9 जून को एक पत्र जारी किया था, जिसमें सोमवार से लेकर रविवार तक सात पशु चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई थी। वहीं, आदेश में यह भी कहा गया था कि हर रोज सुबह-शाम डीएम अपूर्वा दुबे की गाय का इलाज करेंगे। इतना ही नहीं पत्र वायरल करने का भी आरोप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी पर ही लगा है।
डीएम ने कहा- पशु चिकित्साधिकारी ने मेरे नाम से जारी किया था लेटर
मामले में अब डीएम अपूर्वा दुबे ने बयान दिया कि सीवीओ और डेप्युटी सीवीओ इन दोनों अधिकारियों ने अनुशासनहीनता की परिकाष्ठा की सभी हदें पार कर दी हैं। डेढ़ साल के मेरे कार्यकाल में इनकी कई खामियां सामने आई हैं। मेरी छवि को धूमिल करने के लिए सुनियोजित तरीके से मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी 544 डाक नंबर से खुद ही लेटर जारी करते हैं और अगले ही दिन डाक नंबर 545 से इस लेटर को खुद ही निरस्त कर देते हैं।
यहां से बिगड़ा डीएम और पशु चिकित्सा अधिकारी का मामला
डीएम अपूर्वा दुबे और सीवीओ डॉ. आरडी अहिरवार के बीच जंग तब ठन गई थी, जब डीएम ने भेउली गोशाला में गोवंश के मरने की जांच कराई थी। दरअसल, एक महीने पहले भेउली में गोवंश मरने पर विश्व हिंदू परिषद ने डीएम से शिकायत की थी और कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया था। इसको लेकर डीएम ने पीडी एमपी चौबे और एसडीएम बिंदकी अवधेश निगम से जांच कराई थी। जांच में दोनों अफसरों ने बीडीओ, पंचायत सचिव और पर पशु चिकित्सा अधिकारी को दोषी करार दिया था। इसके बाद डीएम ने बीडीओ को प्रतिकूल प्रविष्टी और सचिव को निलंबित करा दिया था। पशु चिकित्सा अधिकारी की कार्रवाई की संस्तुति भी की थी, लेकिन यह फाइल गुम होने के कारण कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद से डीएम ने हर गोशाला में पशु चिकित्सा अधिकारियों के कामों की पड़ताल करा दी।
प्रयागराज और कानपुर बार्डर की गोशालाओं में जहां दो-दो पशु चिकित्सा अधिकारी तैनात थे, उन्हें हटाने का निर्देश दिया। डीएम आवास की गाय के उपचार का पत्र वायरल कराया गया। डीएम ने 10 जून को भी पत्र निरस्त कराया और अपर मुख्य सचिव व डायरेक्टर को खुद के खिलाफ षड्यंत्र रचने और अनुशासनहीनता करने के आरोपों सहित सीवीओ और प्रभारी सीवीओ को निलंबित करने की संस्तुति भेजी थी।