मरने के बाद किस बुरे कर्म की मिलती है क्या सजा? जानिए क्या लिखा है गरुण पुराण में

कहते हैं कि मनुष्य को उसके कर्मों का फल मृत्यु के बाद भुगतना पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार, जैसे अच्छे कर्मों को प्राप्त किया जा सकता है, वैसे ही जीवन में बुरे कर्मों को खोया जा सकता है। हम में से कई लोग तत्काल लाभ के लिए गलत काम करते हैं। धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि अगर किसी को अपने जीवनकाल में पाप की सजा नहीं भोगनी पड़ती है तो उसे मृत्यु के बाद वह दंड अवश्य मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मृत्यु के बाद लोग स्वर्ग या नर्क में जाते हैं। यदि आप अपने जीवनकाल में अच्छे कर्म करते हैं तो आप स्वर्ग में जाएंगे। वहीं, आपको अपने बुरे कर्मों की वजह से नरक में पीड़ा भुगतनी पड़ती है। इसके बारे में गरुड़ पुराण में विस्‍तार से बताया गया है। इसमें यह भी बताया गया है कि बुरे कर्म करने पर व्‍यक्ति को मृत्‍यु के बाद कौन सी सजा मिलती है और कौन सा नरक भोगना पड़ता है। आज के इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे –

बड़ों का अनादर करना

पुराणों के अनुसार, बड़ों का अनादर करने वाले लोग कभी सुखी नहीं रह सकते। ऐसे जोग जीवनभर अशांति में जीते हैं और मृत्यु के बाद इन पापियों को आग की दरिया में डाल दिया जाता है। उनकी त्वचा तब तक झुलसती रहती है जब तक कि वे शरीर से अलग नहीं हो जाते।

दूसरों का धन लूटना

दूसरे लोगों की कमाई को लूटना एक गंभीर अपराध माना जाता है। गरुण पुराण के अनुसार, इस गुनाह की सजा के तौर पर मौत के बाद फ़रिश्तों ऐसे पाप करने वाले को रस्सी से बांधकर बुरी तरह पीटते हैं। यह तब तक चलता रहता है जब तक अपराधी खाना-खाते समय बेहोश न हो जाए। होश में आने के बाद फिर से पीटना शुरू हो जाता है। यह प्रक्रिया जारी रहती है।

बेगुनाहों की हत्या

जो लोग अपने फायदे के लिए बेगुनाहों की हत्या करते हैं उन्हें अपनी मौत के बाद नर्क में भोगना पड़ता है। गरुण पुराण के अनुसार, किसी निर्दोष व्यक्ति के हत्यारे को गर्म तेल की कढ़ाही में डालकर तल कर निकाला जाता है।

पति या पत्नी को धोखा

गरुण पुराण के अनुसार, विवाह के बाद पति या पत्नी को धोखा देना या केवल अपने स्वार्थ के लिए साथ रहना पाप माना जाता है। ऐसे लोगों को मृत्यु के बाद नर्क में लोहे की छड़ों से मार दिया जाता है।

गुरु की पत्नी की बुरी नजर

गुरु का अर्थ है शिक्षक, जो हमें जीवन के पाठ सिखाता है। गुरु को पिता के समान माना जाता है। इस प्रकार गुरु-पत्नी भी माता के तुल्य है। यदि आप गुरु की पत्नी को बुरी नजर से देखते हैं या उसके बारे में बुरा सोचते हैं तो उस पाप की सजा गरुण पुराण में निर्धारित है। ऐसे पापी को मृत्यु के बाद जयंती नामक नर्क में भेज दिया जाता है। वहां पिघला हुआ लोहा उसके शरीर पर फेंक दिया जाता है।

बलात्कार की सजा

बलात्कार एक जघन्य अपराध है। गरुण पुराण के अनुसार, ऐसे अपराधियों के साथ मृत्यु के बाद जानवरों जैसा व्यवहार किया जाता है। उन्हें उनके मल और मूत्र से भरे एक गंदे कुएं में नर्क में डाल दिया जाता है।

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