अब तक 76 उड़ानों के जरिए निकाले गए 15920 लोग, चार मंत्री, चार देश और हजारों भारतीय

नेशनल डेस्क। यूक्रेन रूस के बीच जंग को 11 दिन हो चुके हैं। यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए मोदी सरकार की तरफ से ऑपरेशन गंगा अभियान चलाया गया। ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन के पड़ोसी देशों से 76 उड़ानों के माध्यम से 15920 से अधिक छात्रों को सफलतापूर्वक देश वापस लाया गया है। नागर विमानन मंत्रालय ने बताया कि इसके साथ ही 22 फरवरी, 2022 को विशेष उड़ानें शुरू होने के बाद से अब तक 15,900 से अधिक भारतीयों को वापस लाया जा चुका है।

कहां से कितने छात्रों को लाया गया वापस

रोमानिया – 6680 (31 उड़ानें)

पोलैंड – 2822 (13 उड़ानें)

हंगरी – 5300 (26 उड़ानें)

स्लोवाकिया – 1118 (6 उड़ानें)

यूक्रेन का वायु क्षेत्र रूसी हमले की वजह से 24 फरवरी से बंद है। ऐसे में यूक्रेन से बाहर निकल रहे भारतीय नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया और पोलैंड जैसे देशों से विमानों के जरिये स्वदेश लाया जा रहा है। हंगरी की सीमा युद्धग्रस्त यूक्रेन से सटी है और अभी तक इस देश से होते हुए हजारों भारतीयों को देश वापस लाया गया है। भारत के दूतावास ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए बुडापेस्ट (हंगरी) में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है।

ऐसा रहा ऑपरेशन गंगा का सफर

वैसे तो यूक्रेन में कई देशों के नागरिक फंसे हैं लेकिन अपने लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत ने दुनिया का सबेस एक्टिव ऑपरेशन चलाया। यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा अभियान चलाया। मोदी सरकार ने अपने मंत्रियों ज्योतिरादित्य सिंधिया, हरदीप पुरी, किरेन रिजिजू और वीके सिंह को यूक्रेन की पश्चिमी सीमा से लगे देशों में भेजने का फैसला किया। यू्क्रेन से बाहर निकल रहे भारतीय नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया और पोलैंड जैसे देशों से विमानों के जरिए स्वदेश लाया जा रहा है। भारत ने ऑपरेशन गंगा चलाया गया लेकिन पड़ोसी देश चीन ने न तो अपने नागरिकों को निकालने के लिए ट्रवेल एडवाइजरी जारी की और न ही कोई सपोर्ट किया। तिरंगा लगे बसों को सेफ पैसेज दिया जा रहा। खबर तो यहां तक आई कि भारतीयों की सुरक्षित निकासी के लिए रूसी सेना की तरफ से छह घंटे हमले भी रोक दिए गए थे। खास बात यह है कि भारत सरकार इस ऑपरेशन का पूरा खर्च खुद वहन कर रही है।

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