फतेहपुर में ग्रामीणों की नाराजगी पड़ी भारी, उल्टे पांव लौटी साध्वी निरंजन ज्योति

Displeasure of villagers became heavy in Fatehpur, Sadhvi Niranjan Jyoti returned backwards

फतेहपुर/उत्तर प्रदेश। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लोगों से मिलने गईं भाजपा प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति को शनिवार को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीण हाथ में तख्ती लिए विरोध में नारे लगाते रहे। साध्वी गाड़ी से उतरी और लोगों के बीच पहुंची। विरोध देखकर तुरंत लौटी और गाड़ी में बैठकर चली गईं।
साध्वी निरंजन ज्योति का हसवा विकासखंड के सराय मोहन सलेमपुर (नौबस्ता) में कार्यक्रम था। सुबह दस बजे साध्वी को आना था, लेकिन साध्वी दोपहर बाद 3 बजे वहां पर पहुंची। ग्रामीण साध्वी को देखकर भड़क गए। बड़ी संख्या में लोग तख्तियां लेकर विरोध करने लगे। तख्तियों पर रोड नहीं तो वोट नहीं लिखा था। विरोध देखकर साध्वी गाड़ी से उतरी तो लेकिन फिर चार कदम चलने के बाद गाड़ी पर फिर बैठ गई। मौके पर भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष आशीष मिश्रा और जिला पंचायत सदस्य रिंकू लोहारी ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। बताया कि जिस रोड की आप मांग कर रहे हैं वह स्वीकृति हो चुकी है। आचार संहिता लगने के कारण काम चालू नहीं हो सका है। जून के बाद इस रोड का निर्माण होगा।
वहीं ग्रामीणों का कहना था कि हमारे क्षेत्र का बिल्कुल विकास नहीं हुआ है। क्षेत्र की अंबापुर से हथगाम मार्ग रोड पूरी तरह जर्जर है। गांव के ग्रामीणों को 20-20 किमी घूमकर आना-जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि उनहा चौराहे से थरियांव मार्ग व मंडा सराय से छिवलहा मार्ग भी पूरी तरह ध्वस्त है। उसकी भी मांग की। पिछले लोकसभा चुनाव में रोड बनाने का आश्वासन मिला। जिसके लिए बकायदा बोर्ड भी लगा दिया गया। बावजूद इसके रोड नहीं बन सकी। 100 से अधिक गांव के ग्रामीण इस रोड की मांग कर रहे हैं । हालांकि ग्रामीणों को केवल आश्वासन ही हाथ लगा। अगर समय पर राजनैतिक दल इस मार्ग पर ध्यान देते तो मार्ग बन गया होता।
साध्वी को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश था। ग्राम प्रधान ने टेंट लगवाया था, जिसमें कुर्सियां डाली गई थीं। ग्रामीणों ने कई कुर्सियों को तोड़ दिया। उनका कहना था कि केंद्रीय राज्य मंत्री ने सदर क्षेत्र को पूरी तरह नजरअंदाज किया है। उनका विकास केवल अमौली व देवमई विकासखंड में ही दिखता है। सराय मोहन सलेमपुर नौबस्ता में चार दिवसीय मेले का आयोजन था। जिसके कारण शनिवार को बड़ी भीड़ थी। इस दिन यहां बाजार भी लगी थी। साध्वी को देखते ही लोग फूट पड़े। वहां पर कोडूपुर, सरांय सुदामापुर, सराय मोहन सलेमपुर, मंडा सराय, सखियांव, जैदपुर, ख्वाजीपुर सेमरइया, उनहा समेत अन्य गांव के लोग थे।

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