जिनकी हत्या का दर्ज था केस, वो दोनों बहनें मिलीं जिंदा

Both sisters, for whom murder case was registered, were found alive.

गोरखपुर/उत्तर प्रदेश। दिल्ली में रह रहे बेलघाट क्षेत्र के एक परिवार की दो युवतियां एक साल पहले लापता हो गईं। भाई ने गांव के एक युवक और उसके परिवार के लोगों पर हत्या करने के बाद शव गायब करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया। पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि दोनों युवतियां जिंदा हैं और उन्होंने हरियाणा और उत्तराखंड के रहने वाले अपने प्रेमियों से शादी कर ली है। दोनों के एक-एक बच्चे भी हैं। सोमवार को दोनों बहनें बयान देने के लिए बेलघाट थाने पहुंचीं तो इस मामले में आरोपी बना परिवार भी अब राहत की सांस ले रहा है।
जानकारी के मुताबिक, बेलघाट के त्रिलोकपुर गांव निवासी अजय प्रजापति परिवार के साथ रोजगार के सिलसिले में प्रेमनगर, नई दिल्ली में रहता था। अजय ने पुलिस को दी तहरीर में लिखा है कि तीन जनवरी 2023 को उसकी दो बहनें सीता (20) और गीता (21) लापता हो गईं। दोनों की गुमशुदगी दिल्ली में दर्ज कराई गई।
इसी बीच पता चला कि गांव के जयनाथ मौर्या का प्रेम संबंध बहनों से है। यह जानकर अजय गांव में स्थित आरोपी के घर पहुंचा। अजय का आरोप था कि जयनाथ और उसके परिवार वालों ने उसे धमकी देते हुए कहा-जो हाल तुम्हारी बहनों का हुआ है, वही हाल तुम्हारा भी होगा।
अजय प्रजापति, जनवरी 2023 से ही जयनाथ के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए दौड़ रहा था, लेकिन साक्ष्य के अभाव में पुलिस केस नहीं दर्ज कर रही थी। फिर जयनाथ कोर्ट पहुंचा। कोर्ट के आदेश पर बेलघाट थाने में आठ जनवरी 2024 को केस दर्ज किया गया।
केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो चार माह बाद पता चला कि दोनों युवतियां जीवित हैं। पुलिस ने दोनों से मोबाइल फोन पर बात की। तब दोनों ने बताया उनका प्रेम संबंध उत्तराखंड और हरियाणा के युवकों से हो गया था। इसलिए दोनों ने घर से भागकर उनसे शादी कर ली थीं। पुलिस के बुलाने पर दोनों युवतियां बच्चों के साथ सोमवार को बेलघाट थाने पहुंचीं।
पुलिस को दिए बयान में सीता ने बताया- हरियाणा के भैइनी ठाकरान थाना भवानी खेड़ा निवासी विजेंदर से शादी कर उसके साथ रह रही हूं। मेरी पांच महीने की एक बेटी है। मैं यहां खुशी-खुशी रह रही हूं। गीता ने बताया-उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के ग्राम द्रमोली निवासी सुरेश राम से मेरी दोस्ती थी, घर से भागकर उससे शादी कर ली। तभी से उनके साथ रह रही हूं। मेरी छह माह की एक बेटी है। सीता और गीता ने बताया कि उन्हें जब पता चला कि उनके भाई ने बहनों की हत्या करके लाश गायब कर देने का केस दर्ज कराया है, तब उन्होंने बेलघाट थाने पहुंचकर जीवित होने का प्रमाण दिया, ताकि कोई निर्दोष न फंसे।

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