फतेहपुर में बच्चों की लकड़ी की गाड़ी से भाई की पीटकर हत्या

Brother beaten to death with children's wooden cart in Fatehpur

फतेहपुर/उत्तर प्रदेश। नौटंकी देखने जाने के लिए बाइक की चाबी मांगने पर दो भाइयों में विवाद के बाद मारपीट होने लगी। बड़े भाई ने बच्चों की लकड़ी की गाड़ी से छोटे भाई के सिर पर ताबड़तोड़ वार किए। रातभर पर खून से लथपथ भाई दरवाजे पर पड़ा रहा। सुबह मृत अवस्था में मिला। रविवार सुबह ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने हत्यारोपी भाई को हिरासत में लिया। एएसपी ने बताया कि नशे में बाइक ले जाने को लेकर भाइयों में विवाद पर घटना हुई है। मां की तहरीर पर उसके बड़े पुत्र के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
सुल्तानपुर घोष थाना क्षेत्र के गाजीपुर खुर्द गांव के पिपरहापुरवा में शनिवार रात करीब 11 बजे बाइक लेकर मेला जाने को लेकर भाइयों के बीच विवाद हो गया। नशे में दोनों एक दूसरे से मारपीट करने लगे। बड़े भाई के हमले में छोटे की मौत हो गई। एएसपी विजयशंकर मिश्रा, सीओ बृजमोहन राय और फोरेंसिक टीम मौके पर जांच करने पहुंची।
गांव निवासी स्व. इंद्रपाल के तीन पुत्र श्रीकेशन, शिवबाबू (26), शिवम गौतम है। छोटा शिवम सूरत में रहता है। मां जगपति देवी ने बताया कि शनिवार शाम श्रीकेशन व शिवबाबू गांव में निमंत्रण खाने गए थे। रात को घर लौटे। करीब रात 11 बजे शिवबाबू नौटंकी देखने जाने के लिए श्रीकेशन से बाइक की चाबी मांगने लगा। चाबी न देने पर दोनों में मारपीट होने लगी। इसी दौरान बच्चों को चलने के लिए सहारा देने वाली लकड़ी की तीन पहिया गाड़ी से श्रीकेशन ने शिवबाबू के सिर हमला कर दिया। कई प्रहार से शिवबाबू मरणासन्न हो गया। ग्रामीणों ने सुबह शिवबाबू को दरवाजे पर मृत देखकर पुलिस को खबर दी। दरवाजे पर खून फैला था। खून से सनी लकड़ी गाड़ी पड़ी थी।
कुछ दूर एक लोहे का रॉड मिला। पुलिस ने श्रीकेशन को हिरासत में लिया है। एएसपी ने बताया कि नशे में बाइक ले जाने को लेकर भाइयों में विवाद पर घटना हुई है। आरोपी को हिरासत में लिया है। मां की तहरीर पर उसके बड़े पुत्र के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
मामूली भाइयों के बीच अक्सर विवाद होता था। पुलिस का मानना है कि घायल को समय रहते अस्पताल ले जाया जाता तो जान बच सकती थी। श्रीकेशन और उसका भाई शिवबाबू शराब के लती बताए जा रहे हैं। दोनों कोई काम नहीं करते थे। कुछ दिन पहले खेत बेचा था। मां जगपतिया ने बताया कि दोनों में घटना की शाम झगड़ा हुआ था। शिवबाबू ने उसे पीटा था। उसकी आंख के पास चोट भी लगी। थानाध्यक्ष राजेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि मारपीट के बाद शिवबाबू को इलाज मुहैया मिलता तो उसकी जान बच सकती थी।
हत्यारोपी श्रीकेशन को नशेबाजी की वजह से ही तीन साल पहले पत्नी छोड़कर चली गई थी। वह करीब चार साल पुत्री को भी श्रीकेशन के पास छोड़ गई थी। श्रीकेशन और उसकी बुजुर्ग मां जगपति ही देखभाल करते हैं। दिवंगत अविवाहित था।

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