मां की हत्या में बेटी को फंसाना चाहते थे पुलिस वाले, नाबालिग के बयान पर, तत्कालीन एसएचओ सहित 4 पर मुकदमा दर्ज
Police wanted to implicate daughter in mother's murder, on the statement of minor, case registered against 4 including then SHO
जयपुर/राजस्थान। जयपुर के मानसरोवर इलाके में हत्या के एक मामले में पुलिस की कारस्तानी का खुलासा हुआ है। तीन साल पहले हुई एक महिला की हत्या के मामले में पुलिस मृतक महिला की नाबालिग बेटी को ही फंसाना चाह रही थी। यह चौंकाने वाली जानकारी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सामने आई है। दरअसल हत्या के आरोप में पुलिस ने दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। जिनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान मृतका की बेटी की ओर से दिया गया बयान सामने आया। इन बयानों में मानसरोवर पुलिस पर यह आरोप था कि पुलिस की ओर से नाबालिग को थाने ले जाया गया। उससे इस तरह के सवाल किए जिससे वह स्वीकार करे कि उसने ही अपनी मां की हत्या की। पुलिस की इस हरकत के बाद जयपुर के मानसरोवर थाने में तत्कालीन एसएचओ दिलीप सोनी सहित 4 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।
कानूनन किसी भी प्रकरण में पूछताछ के लिए नाबालिग को पुलिस थाने नहीं लाया जा सकता। अगर किसी प्रकरण में नाबालिग से पूछताछ करनी है तो बाल कल्याण समिति के सदस्यों के साथ पुलिस नाबालिग के घर जाकर उससे बात कर सकती है। नाबालिग के जो बयान सामने आए हैं। उनमें यह आरोप है कि पुलिस सुबह 11 बजे नाबालिग को थाने लेकर गई थी। दिनभर थाने में रखा और ऐसे सवाल पूछे कि तूने ही अपनी मां को गोली मारी थी ना। यानी पुलिस दबाव देकर नाबालिग से हत्या की वारदात कबूल कराने का प्रयास कर रही थी। कोर्ट की टिप्पणी के बाद एडिशनल डीसीपी क्राइम की ओर से तत्कालीन एसएचओ सहित 4 पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। मामले की जांच एसीपी मानसरोवर संजय शर्मा कर रहे हैं।
वर्ष 2021 में मानसरोवर थाना क्षेत्र में स्थित स्वर्ण पथ निवासी 38 वर्षीय सुमन की गोली लगने से हत्या हो गई थी। सुमन अलग अलग घरों में जाकर सफाई का काम करती थी। अगस्त 2021 में सुमन अपनी 14 साल की बेटी के साथ रामवीर के घर काम करने गई थी। उस दौरान रामवीर सुमन और उसकी बेटी को पिस्टल दिखा रहा था। तभी अचानक पिस्टल का ट्रिगर दब गया और गोली सीधी सुमन के सिर में लगी। ऐसे में सुमन की मौके पर ही मौत हो गई।
हत्या के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और रामवीर सिंह को हिरासत में लिया। उससे पिस्टल बरामद की। पूछताछ में रामवीर ने बताया कि यह पिस्टल वह अपने दोस्त राजू से लेकर आया था। पुलिस ने राजू को भी गिरफ्तार किया। आर्म्स एक्ट और हत्या का मुकदमा दर्ज करके पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी अलवर के रहने वाले थे।
हत्या की घटना के बाद पुलिस ने कई लोगों के बयान दर्ज किए जिनमें नाबालिग के बयान भी शामिल है। बाद में कोर्ट में भी बयान दर्ज हुए। कोर्ट में दिए गए बयान में नाबालिग ने पुलिस की हरकत के बारे में बताया। हालांकि नाबालिग को थाने में लेकर जाने के कोई साक्ष्य फिलहाल सामने नहीं आए हैं। मानसरोवर थाने के रोजनामचे में भी नाबालिग को थाने लाने का हवाला नहीं है। तत्कालीन एसएचओ दिलीप सोनी का कहना है कि उन्हें नाबालिग को थाने लाने के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। मामले की जांच अब एसीपी संजय शर्मा कर रहे हैं।