यूक्रेन की सेना में अनिवार्य भर्ती को बढ़ावा देने संबंधी एक विवादास्पद कानून को मंजूरी
A controversial law promoting mandatory conscription into Ukraine's army has been approved.
कीव/एजेंसी। यूक्रेन की संसद ने सेना में अनिवार्य भर्ती को बढ़ावा देने और विभिन्न रैंकों में रिक्त पदों पर भर्ती संबंधी एक विवादास्पद कानून को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी। इस कानून के प्रारंभिक मसौदे को रद्द करने के लिए हजारों संशोधन पेश किए गए जिसके चलते इसमें महीनों का समय लगा और विलंब हुआ। सांसदों ने भी इस कानून को लेकर लंबे समय तक उदासीन रवैया अपनाया हुआ था। पहले से ही अनुमान जताया जा रहा था कि यह कानून लोगों को पसंद नहीं आएगा।
यह कानून पूर्व सेना कमांडर वालेरी जालुझनी के अनुरोध पर तैयार किया गया है जिन्होंने कहा था कि सेना के विभिन्न रैंकों को मजबूत बनाने के लिए 5,00,000 नयी भर्तियों की जरूरत है। यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले के बाद देश में अग्रिम मोर्चे पर सैनिकों की कमी हो गई है। नए कानून के मसौदे पर यूक्रेन वासियों ने अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई। इस कानून के बाद यूक्रेन के प्राधिकारियों के अधिकारों में वृद्धि होगी जिससे वर्तमान व्यवस्था में कई बदलाव होंगे।
निवर्तमान सेना प्रमुख अलेक्ज़ेंडर सिरस्की और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने ऑडिट करने के बाद आंकड़ों की समीक्षा की और कहा कि आवश्यक संख्या उतनी अधिक नहीं है क्योंकि सैनिकों की क्रमबद्ध तरीके से व्यवस्था की जा सकती है। कहा जाता है कि अनिवार्य सैन्य भर्ती के मुद्दे पर जालुझनी को पद से बर्खास्त किया गया था।