17वीं की रस्में निभाई, आत्मा की शांति के लिए किया हवन,हरियाणा के किसान ने गाय की मौत पर दिया मृत्युभोज

Performed 17th rituals, performed havan for peace of soul, Haryana farmer gave funeral feast on death of cow

सोनीपत/हरियाणा। सोनीपत जिले के गांव भटगांव के किसान ने एक अनोखी मिसाल पेश की है। किसान ने अपने घर पर पाली गई गाय की मौत के बाद 17वीं का आयोजन किया है। किसान के इस कदम के बाद आसपास के इलाके में किसान की तारीफ हो रही है। किसान सूरजभान का कहना है कि गाय जब छोटी सी थी तो वह उसे अपने घर लेकर आया था। उसने उसे बड़े लाड प्यार से पाला था। 28 साल तक वह उसके परिवार के साथ रही है और उसके मरणोपरांत सत्रहवीं का आयोजन किया गया है। किसान का कहना है कि सभी को एक संदेश देने का प्रयास है कि सभी बेसहारा गाय माता का सहारा बने ताकि कोई भी गाय बेसहारा न रहे।
बता दें कि गांव भटगांव निवासी सूरजभान 28 साल पहले 1995 में 6 महीने की एक छोटी सी गाय को 5 रुपये में खरीद कर अपने घर लाए थे। इसके बाद 28 साल तक गए उनके घर रही। परिवार गाय को बंदरी के नाम से बुलाता था। घर के सभी सदस्य गाय बंदरी से बहुत प्यार करते थे। गाय ने 17 बार उनके घर पर बच्चे दिए और सूरजभान के लड़के संदीप और ललित व उसकी बेटी ने गाय का दूध पीकर ही बड़े हुए हैं। बचपन से उसके साथ रहने से परिवार को गाय बंदरी से बहुत प्यार था। गाय के मरणोपरांत किसान के परिवार ने उसकी आत्मा की शांति के लिए सत्रहवीं का आयोजन किया। जिसमें परिवार ने सभी रस्म निभाई और पूरे गांव को निमंत्रण दिया है। परिवार का कहना है कि सभी लोग इसी तरह गाय की सेवा करें ताकि कोई भी गोवंश बेसहारा ना रहे।
गाय को बड़े लाड-प्यार से पाला
किसान सूरजभान का कहना है कि वह छोटी सी गाय अपने घर लेकर आया था। जिसे उसने बड़े लाड प्यार से पाला था। गाय को बंदरी के नाम से बुलाते थे। बंदरी की मौत के बाद सभी बड़े दुखी थे। गाय के मरणोपरांत सत्रहवीं का आयोजन किया गया है। वहीं आसपास के लोगों ने किसान की इस पहल की प्रशंसा की है। सभी ने कहा हम किसान की इस पहल का सम्मान करते हैं। सभी को गाय की सेवा करनी चाहिए। गाय हमारी माता है और उसकी सेवा करना हमारा फर्ज है।

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