कानपुर हिंसा मामले में पुलिस की योजना कामयाब, थाने में आकर खुद ही सरेंडर करने लगे ‘पत्थरबाज’

कानपुर,(उत्तर प्रदेश)। कानपुर हिंसा मामले में पुलिस ने दंगा करने वालों की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तस्वीरें जारी करने और दंगाईयों के खिलाफ ऐसी योजना बनाई जिसके बाद हिंसा फैलाने वालों के पास- आगे कुंआ पीछे खाई वाला ही विक्लप बचा है। ऐसे में उन्होंने अब खुद ही पुलिस के सामने सरेंडर करना शुरू कर दिया है। कानपुर में हुई हिंसा अभी तक उत्तर प्रदेश पुलिस ने 50 पत्थरबाजों को धर दबौचा है और बाकी बारी-बारी से सरेंडर करने पुलिस चौकी आ रहे हैं। पुलिस ने सीसीटीवी में दिखे 40 उपद्रवियों की तस्वीरें जारी की थी और आरोपीयों का पता बताने वालों को इनाम देने की भी घोषणा की थी।

कानपुर पुलिस द्वारा पहचाने गए 40 दंगाइयों में से एक ने कर्नलगंज थाने में सरेंडर कर दिया है। आरोपी नाबालिग है इसके अलावा हिंसा फैलाने में उसके बड़े भाई और बहनोई भी शामिल थे जिन्होंने शुक्रवार को शहर में हुई हिंसक झड़पों और पथराव में पत्थरबाजी की थी। उन्हें भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में आरोपी पत्थरबाजी करते नजर आया। शुक्रवार (3 जून) को कानपुर में एक मुस्लिम संगठन द्वारा शहर के सबसे बड़े थोक बाजारों में से एक परेड मार्केट में दुकानें बंद करने का आह्वान करने के बाद, भाजपा नेता नूपुर शर्मा की विवादास्पद टिप्पणियों के बाद हिंसक झड़पें और पथराव देखा गया। सोमवार (6 जून) को कानपुर पुलिस ने घंटों सीसीटीवी फुटेज और वीडियो क्लिप की जांच के बाद 40 दंगाइयों की तस्वीरें जारी कीं। पुलिस ने कहा कि हिंसक झड़पों में 40 लोगों की सक्रिय भूमिका थी, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे।

पुलिस ने इस मामले में सोमवार तक 50 लोगों को गिरफ्तार किया था। कानपुर पुलिस ने सोमवार को कानपुर हिंसा के प्रमुख साजिशकर्ता जफर हयात हाशमी के व्हाट्सएप चैट को एक्सेस किया था। 40 आरोपियों में हाशमी भी शामिल है। रविवार को पुलिस ने मामले की जांच के लिए डीसीपी संजीव त्यागी के नेतृत्व में आठ सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। पुलिस ने तीन और एसआईटी भी गठित की हैं, जो आठ सदस्यीय टीम की मदद करेंगी।

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