पुलिस के लिए सिरदर्द बने दिल्ली के 22,308 भगोड़े, पुलिस को कई सालों से देते आ रहे हैं चकमा

नई दिल्ली डेस्क। राजधानी में 22,308 भगोड़े अपराधी दिल्ली पुलिस के लिए वर्षो से सिरदर्द बने हुए हैं। संगीन और गैर संगीन अपराधों में शामिल अधिकतर भगोड़े दस साल से भी अधिक समय से फरार हैं। दैनिक अपराधों से जूझती पुलिस के पास इतना वक्त नहीं होता कि वह इन भगोड़ों का पता लगाकर उन्हें दबोच सके। ऐसे में भगोड़े अपराधियों की संख्या साल-दर-साल बढ़ती जा रही है।दिल्ली पुलिस के आंकड़ों की मानें तो पिछले साल दिसंबर तक राजधानी में भगोड़े अपराधियों की संख्या 22,503 थी। इस वर्ष तीन महीने, यानी एक जनवरी से 31 मार्च तक के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली की विभिन्न अदालतों द्वारा संगीन मामलों में फरार चल रहे 20 और गैर संगीन मामलों में फरार 109 अन्य आरोपितों को भगोड़ा घोषित किया गया। हालांकि, इस साल भगोड़े अपराधियों को दबोचने में सभी 15 जिला पुलिस के अलावा स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच और अन्य यूनिट ने सक्रियता भी दिखाई।

एक जनवरी से 31 मार्च के दौरान दिल्ली पुलिस कुल 324 भगोड़े अपराधियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें संगीन मामलों के 54 और गैर संगीन मामलों के 270 भगोड़े शामिल हैं। पुलिस मुख्यालय के सूत्रों की मानें तो हाल के वर्षो में भगोड़े अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस आयुक्त ने अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिए हैं। इससे कई जिले के कुछ थानों में डीसीपी के निर्देश पर भगोड़े अपराधियों को पकड़ने के लिए अलग टीमें भी बनाई गई हैं। नई दिल्ली जिला के मंदिर मार्ग थाने में तैनात एक एएसआइ की टीम ने कुछ वर्षो में दो सौ से अधिक भगोड़े अपराधियों को गिरफ्तार कर चुकी है। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने ऐसे पुलिसकर्मियों का हौसला बढ़ाने के लिए उन्हें रिवार्ड देने की शुरुआत भी की है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि नई दिल्ली जिले की तरह अन्य जिलों में भी भगोड़े अपराधियों को पकड़ने के लिए अलग से टीम बनाने की जरूरत है। पुलिस को इस मामले में ज्यादा गंभीरता से सोचना होगा। भगोड़े अपराधियों को नहीं पकड़ने से हर साल कई मामले अनसुलङो रह जाते हैं। आरोपित मोबाइल नंबर बदल लेते हैं। फर्जी नाम-पते पर दस्तावेज बनवा लेते हैं ।

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