जामताड़ा गिरोह का भंडाफोड़, 2500 से अधिक लोगों को बनाया शिकार; गैंग के 6 ठग गिरफ्तार

नई दिल्ली। उत्तरी बाहरी जिला जिले की साइबर सेल थाना पुलिस ने देशभर में 2500 से अधिक लोगाें से ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मामले में गिरोह के सरगना समेत छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में सरगना झारखंड़ के जामताड़ा का निजामुद्दीन अंसारी, सरफराज अंसारी, अफरोज आलम, मोहम्मद आमिर अंसारी, अफरोज अंसारी और बंगाल के मुर्शिदाबाद का नसीम है।

20 हजार से ज्यादा फर्जी सिम बरामद

नसीम साइबर ठगों को फर्जी एक्टिवेटेड सिम उपलब्ध कराता था। पुलिस ने नसीम के कब्जे से 21761 फर्जी सिम कार्ड बरामद किए हैं। जिसमें 770 सिम कार्ड भुटान, नेपाल, दुबई आदि के हैं। इसके अलावा पुलिस ने 25 मोबाइल फोन बरामद किया है। साथ ही 9.73 लाख रुपये आरोपितों के बैंक में फ्रिज किया है। जिला पुलिस उपायुक्त रवि कुमार सिंह के अनुसार, दुबई की रहने वाली पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि उनकी बेटी दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में पढ़ती हैं। वह उनसे मिलने आई थी।

वह अपनी बेटी की बैंक पासबुक को अपडेट करवाना चाहती थी। उन्होंने एसबीआई का कस्टमर केयर नंबर गूगल पर सर्च किया। इसके बाद कॉल करके खाता अपनी समस्या बताई। उन्हें बताया गया की उन्हें बैंक की तरफ से कॉल आएगा। उनके पास दो तीन बार अलग अलग नंबरों से कॉल आए, कुछ जानकारी और ओटीपी मांगे गए, जिसके बाद उनके खाते से 10 लाख रुपए निकल गए।

आरोपितों के खाते से रकम फ्रिज किए

पीड़ित की शिकायत पर जब साइबर थाना पुलिस ने जांच शुरू की तो पाया कि शिकायतकर्ता को जिन नंबरों से कॉल आया था। उन नंबरों की 77 शिकायतें राष्ट्रिय साइबर क्राइम पोर्टल पर मिली। पुलिस ने उन सभी पीड़ितों से संपर्क कर पूछताछ की तो पुलिस को कुल 27 मोबाइल नंबर मिले जिन से अलग-अलग लोगों को कॉल करके ठगी की गई। पुलिस ने सबसे पहले आरोपितों के बैंक खाते से पीड़िता के 9.73 लाख रुपए फ्रिज किए। इसके बाद 27 नंबर को ट्रेस करते-करते पुलिस झारखंड के जामताड़ा पहुंची और वहां सबसे पहले निजामुद्दीन अंसारी को गिरफ्तार किया गया, उसकी निशानदेही पर पुलिस ने सरफराज अंसारी, अफरोज आलम, मोहम्मद आमिर अंसारी, अफरोज अंसारी को पकड़ा।

पूछताछ में पता चला कि आरोपित नसीम नाम के व्यक्ति से फर्जी सिम लेते थे। इसके बाद नसीम को पकड़ा गया। उसके कब्जे से 21761 फर्जी सिम बरामद हुई। आरोपित डिजिटल इंडिया के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे। अारोपित विभिन्न बैंकों के कस्टमर केयर के नंबर को अपने मोबाइल नंबर गूगल और फेसबुक ऐड पर पेड मोड पर रन कराते हैं। अगर कोई व्यक्ति संबंधित बैंक का कस्टमर केयर नंबर गूगल पर खोजता तो सबसे ऊपर आरोपितों का नंबर ही आता।

जब पीड़ित उक्त नंबर पर काल करता तो पीड़ित को बताया जाता था कि उनका एग्जीक्यूटिव काल करेगा और उनकी समस्या का समाधान करेगा। बाद में अलग-अलग नंबरों से काल करके ठग पीड़ित से किसी न किसी बहाने से ओटीपी और बैंक की जानकारी मांग लेते। पीड़ित के लैपटॉप और मोबाइल में एप डाउनलोड करा जितना भी पैसा पीड़ित के खाते में होता सब अपने पेटीएम या बैंक में ट्रांसफर कर लेते थे। आरोपित बड़ी संख्या में फर्जी सिम कार्ड रखते हैं। ठगी के पैसे मिलने के बाद सिम को बंद कर देते हैं। इस कारण पुलिस इन तक आसानी से पहुंच नहीं पाती है।

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