Gorakhpur University Admission: गोरखपुर यूनिवर्सिटी अब 4 प्लस 1 फार्मूले पर होगी पत्रकारिता की पढ़ाई

गोरखपुर के दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के कोर्स के लिए नई व्यवस्था लागू

गोरखपुर,(उत्तर प्रदेश)। गोरखपुर के दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में 4 प्लस 1 फार्मूले के आधार पर पत्रकारिता का पाठ्यक्रम संचालित होने जा रहा है। छात्रों को डिग्री के लिए अब दो बार प्रवेश नहीं लेना होगा और न ही उन्हें स्नातक करने के बाद परास्नातक के लिए दूसरे शहरों के चक्कर लगाने पड़ेंगे। पत्रकारिता के छात्रों की सुविधा के लिए विश्वविद्यालय अब संयुक्त पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी में है।
पूरे भारत में दंगों की योजना बनाने और भड़काने के लिए बीजेपी ने की एक विंग की स्थापना: संजय राउत

डीडीयू ने पत्रकारिता के छात्रों की सुविधा के लिए नई शिक्षा नीति के तहत संयुक्त पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी कर ली है। इसके तहत अब छात्रों को स्नातक और परास्नातक के लिए अलग-अलग दो बार एडमिशन नहीं लेना पड़ेगा, 4 प्लस 1 फार्मूले के आधार पर उन्हें बीए और एमए की डिग्री प्रदान की जाएगी। इसके लिए उन्हें सिर्फ एक बार एडमिशन लेना होगा। 5 वर्ष के बीए एमए इन पत्रकारिता एवं जनसंचार पाठ्यक्रम में पहले 4 वर्ष तक स्नातक, अंतिम 1 वर्ष में परास्नातक की पढ़ाई होगी। आपको बता दें कि डीडीयू में पहले सिर्फ बीजे तक ही पढ़ाई होती थी। परास्नातक की डिग्री के लिए छात्रों को दूर जाना पड़ता था।पिछले साल से परास्नातक की भी पढ़ाई शुरू हो गई थी, लेकिन इस पाठ्यक्रम के बाद छात्र एक ही छत के नीचे सारी डिग्रियां प्राप्त कर सकेंगे।

पत्रकारिता, जनसंचार का स्नातक एवं परास्नातक पाठ्यक्रम तैयार : विभागाध्यक्ष

हिंदी और पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर दीपक प्रकाश त्यागी के अनुसार 4 प्लस 1 के फार्मूले पर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग ने पत्रकारिता, जनसंचार का स्नातक एवं परास्नातक पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है। नए सत्र से इस पाठ्यक्रम में प्रवेश की शुरुआत हो जाएगी। अब तक यहां पत्रकारिता में बीजे का पाठ्यक्रम चलता था, पिछले साल से ही एमजे का पाठ्यक्रम शुरू किया गया था। अब नई शिक्षा नीति के अनुसार सभी पाठ्यक्रमों को संयुक्त रूप से संचालित किया जा सकेगा।

खौफनाक घटना : भोजपुर में युवक ने बड़े भाई के प्राइवेट पार्ट को काट डाला

उन्होंने बताया कि इस पाठ्यक्रम की एक खूबी यह भी है कि इसे पूरा करने का दवाब किसी विद्यार्थी पर नहीं होगा, विद्यार्थी प्रतिवर्ष पाठ्यक्रम से खुद को अलग होने के लिए स्वतंत्र होगा। बावजूद इसके उसे खाली हाथ नहीं लौटना पड़ेगा, वर्ष दर वर्ष वह किसी न किसी प्रमाण पत्र का हकदार होगा। यदि विद्यार्थी 1 वर्ष बाद पाठ्यक्रम छोड़ता है तो भी उसे सर्टिफिकेट दिया जाएगा, 2 वर्ष बाद उसे डिप्लोमा प्रमाण पत्र दिया जाएगा। वहीं 3 वर्ष पूरा करने वाले विद्यार्थी को स्नातक और 4 वर्ष पूरा करने वाले को स्नातक ऑनर्स की डिग्री मिल सकेगी, जो विद्यार्थी 5 वर्ष पूरा करेगा उसे स्नातक और परास्नातक की डिग्री संयुक्त रूप से मिल सकेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button