कानपुर पुलिस का अमानवीय चेहरा आया सामने, वारंटी को थाने लाकर लाठी-डंडे और लात-घूंसे से पीटा

कानपुर/उत्तर प्रदेश। यूपी की कानपुर पुलिस अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहती है। बुधवार को कानपुर कमिश्नरेट पुलिस की करतूत सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। मंगलवार रात चकेरी पुलिस एक वारंटी को पकड़ कर थाने लाई थी। भीषण सर्दी के बीच पुलिस कर्मियों ने उसे जमीन पर गिरा दिया। इसके बाद उसे लाठी—डंडे से पीटना शुरू कर दिया। वहीं, दारोगा उसपर लातघूंसे बरसा रहे हैं। वारंटी पुलिस कर्मियों से रहम की गुहार लगाता रहा। लेकिन उसकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी। पुलिस कर्मियों ने जब देखा कि पिटाई का वीडियो बन रहा है, तो सभी नजरें बचाने लगे।
चकेरी थाना क्षेत्र स्थित सनिगवां के चंदन नगर में रहने वाले उमेश कुमार आर्डिनेंस फैक्टरी में कर्मचारी हैं। उमेश कुमार के खिलाफ कोर्ट से एनआई एक्ट में गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। मंगलवार रात पुलिस उमेश को अरेस्ट करने के लिए घर पहुंची थी। परिजनों का आरोप है कि उमेश को पुलिस कर्मी पीटते हुए थाने ले गए थे। इसके बाद उनकी थाने में लाठी—डंडों से जमकर पीटा।
डीसीपी ईस्ट श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल है। इसकी जांच एसीपी को सौंपी गई है। वारंटी के खिलाफ पहले से मुकदमा था, जिसमें वो कोर्ट में पेश में नहीं हो रहा था। पुलिस जब गई, तो उसे बताया कि तुम्हारे खिलाफ वारंट है। उसने बदसलूकी शुरू कर दी, दरवाजा बंद कर लिया। इसके बाद उसने मोहल्ले वालों को इकठ्ठा कर लिया। रास्तें में भी उसने पुलिस कर्मियों से बदसलूकी की थी। वारंटी थाने के अंदर नहीं जा रहा था, इस पुलिस ने उसके साथ बल प्रयोग किया था।
नौबस्ता थाने में तैनात दारोगा विरेश यादव ने लेनदेन के मामले में हार्डवेयर और प्लाईवुड कारोबारी को थाने बुलाकर बेरहमी से पीटा था। दारोगा की पिटाई से कारोबारी की तबीयत बिगड़ गई थी, और उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया था। एसपी की जांच में दारोगा विरेश यादव दोषी पाया गए थे। इसके बाद दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया था, और गैर इरादतन हत्या का केस भी दर्ज किया गया था।

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