बलिया से सपा उम्मीदवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज, जिला निर्वाचन अधिकारी को धमकी देने का आरोप
FIR lodged against SP candidate from Ballia, accused of threatening District Election Officer
बलिया/उत्तर प्रदेश। बलिया लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार सनातन पांडेय के विरुद्ध समाज के विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा एवं वैमनस्य फैलाने और जिला निर्वाचन अधिकारी को धमकी देने एवं उसके कार्य में बाधा डालने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) देव रंजन वर्मा ने बताया कि पांडेय के विरुद्ध बलिया शहर कोतवाली में उप निरीक्षक माखन सिंह की तहरीर पर रविवार की सुबह भारतीय दंड संहिता की धाराओं 171 एफ (चुनाव में अनुचित प्रभाव डालना), 189 (किसी लोक सेवक को धमकी देना), 186 (लोक सेवक के सार्वजनिक कार्यों में बाधा डालना) एवं 505(2) (विभिन्न समूहों के बीच घृणा एवं द्वेष फैलाना) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि पांडेय का शनिवार को एक विवादित वीडियो वायरल हुआ था, जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस वीडियो में पांडेय ने वर्तमान सरकार के अलावा निर्वाचन आयोग को लेकर विवादित टिप्पणियां की थी। पांडेय ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव-2019 में उनकी ‘‘राजनीतिक हत्या’’ की गई थी। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने चुनाव जीता था लेकिन उन्हें हरा दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया और अन्याय का मुखर होकर विरोध करते हुए बयान देकर अपने समर्थकों को मजबूती देने का काम किया।’’
पांडेय शनिवार को जन विश्वास यात्रा के तहत बलिया पहुंचे थे। उनसे शनिवार की शाम को जिला मुख्यालय पर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान सवाल पूछा गया था कि उन्होंने पिछली बार भी चुनाव लड़ा था तो इस बार चुनाव को लेकर उनकी जीत की क्या संभावना है? उन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा, ‘‘देखिये, हम लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास रखते हैं। ऐसा नहीं है कि हम अपनी हत्या के डर से प्रांगण से बाहर आ गए। जो हुआ, वह आपने भी देखा, बलिया के लोगों ने भी देखा और हिंदुस्तान के लोगों ने भी देखा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम तो जीते हुए प्रत्याशी थे लेकिन हिंदुस्तान में जो संस्थाएं हैं, मैं निर्वाचन आयोग की बात कर रहा हूं, वह निष्पक्ष हुआ करती थी।
जब आचार संहिता लगती थी तो सभी अधिकारी डर जाते थे कि अब हमारे ऊपर हुकूमत नहीं, आयोग का डंडा चलेगा और चुनाव, आयोग की देखरेख में होता है।’’ पांडेय ने कहा, ‘‘उस समय भी भाजपा की सरकार थी। यहां का जिलाधिकारी भाजपा सरकार के दबाव में आ गया और उसने हमारे चुनाव परिणाम को बदलने का काम किया।’’ उन्होंने कहा कि इस बार वह इस संकल्प के साथ आए हैं कि अगर लोगों के वोट न देने के कारण वह हारे, तो वह जनता का अभिवादन करते हुए मतदान स्थल से बाहर आ जाएंगे।
पांडेय ने कहा, ‘‘यदि जनता ने मुझे चुनाव जिताया तो यहां का प्रशासन और भाजपा का कोई भी तंत्र उन्हें प्रमाण पत्र लेने से नहीं रोक पाएगा। उस प्रांगण से सनातन पांडे की लाश आएगी या फिर जिलाधिकारी की लाश जाएगी। इसका संकल्प मैं ले चुका हूं।’’ बलिया जिले के चिलकहर क्षेत्र से एक बार विधायक रहे पांडेय लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त से 16,000 मतों के अंतर से हार गए थे। बलिया में लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के तहत एक जून को मतदान होगा।