चंदन की माला धारण करने से मिलती है मानसिक शांति, जानिए इसको पहनने के सही नियम

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान कई चीजों को उपयोग में लाया जाता है। पूजा में चंदन की माला का विशेष रूप से उपयोग किया जाता है। बता दें कि चंदन का माला कई तरीके का होता है। जिसका इस्तेमाल कई अलग-अलग जगहों पर किया जाता है। वहीं पूजा में मंत्र जाप का भी विशेष महत्व माना जाता है। देवी-देवताओं के मंत्र जाप में अलग-अलग विभिन्न मालाओं का प्रयोग किया जाता है।
धार्मिक शास्त्रों की मानें तो चंदन की माला से किया गया जप शीघ्र फल देता है। तो वहीं कुछ लोग चंदन की माला धारण भी करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चंदन की माला पहनने का क्या लाभ होता है। साथ ही इस माला को धारण करने के बाद किन नियमों का पालन करना जरूरी है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इन सबके बारे में बताने जा रहे हैं।
चंदन की माला पहनने के लाभ
आपको बता दें कि चंदन की माला का उपयोग सिर्फ मंत्र जाप के लिए नहीं बल्कि इसको धारण करना भी शुभ माना जाता है। सफेद चंदन की माला पहनने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है। साथ ही दिमाग में सकारात्मकता बढ़ती है। यदि किसी व्यक्ति को मानसिक परेशानियां अधिक होती है। तो उनको स्थिरता लाने के लिए सफेद चंदन की माला धारण करनी चाहिए। इससे जातक का ध्यान काम में केंद्रित रहता है और उसे सफलता प्राप्त होती है।
धन लाभ के लिए पहनें चंदन की माला
इसके साथ ही जो व्यक्ति लाल चंदन की माला पहनता है, उसको आर्थिक तंगी से छुटकारा मिल सकता है। यदि कोई जातक रोजाना लाल चंदन की माला धारण करता है और सभी नियमों का पालन करता है। तो उस जातक के पास कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है।
चंदन की माला धारण करने का नियम
चंदन की माला को धारण करने के लिए गुरुवार का दिन बेहद शुभ माना जाता है। गुरुवार के दिन सुबह स्नान आदि कर साफ वस्त्र धारण करें। फिर श्रीहरि विष्णु के पास एक पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। अब चंदन की माला को गंगाजल से धोकर इसको कपड़े में रख दें। फिर श्रीहरि विष्णु का पूजन कर उन्हें फूल और हल्दी आदि अर्फित करें। इसके बाद चंदन की माला धारण करें।
इन बातों का रखें खास ध्यान
जो जातक गृहस्थ जीवन जीते हैं, उनको चंदन की माला धारण करने से पहले कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
अंतिम संस्कार में जाने से पहले माला निकालकर रख दें। वहीं स्नान के बाद इसको फिर पहन लें।
वहीं रात में सोने से पहले इसको निकाल देना चाहिए। अगले दिन सुबह स्नान आदि कर शुद्ध होकर इसको धारण करें।
हर पूर्णिमा को चंदन की माला का शुद्धिकरण कर इसके धारण करें।

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