हनुमान गढ़ी के दर्शन के बिना अधूरी मानी जाती है रामलला की पूजा, जानिए क्या हैं नियम

Worship of Ramlala is considered incomplete without the darshan of Hanuman Garhi, know what are the rules

राम की महिमा इतनी दिव्य है कि युगों-युगों से यह संसार में विख्यात है। त्रेतायुग के राम का महिमामंडन कलियुग में भी है। भगवान राम श्रीहरि विष्णु का अवतार हैं। बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अपनी समाप्ति की ओर है। बता दें कि 22 जनवरी 2024 के बाद अयोध्या नगरी सहित राम मंदिर वैश्विक स्तर पर अपनी ख्याती का प्रवाह करेगा। राम मंदिर निर्माण से रामलला के अनन्य भक्तों का सपना साकार हो रहा है। ऐसे में 22 जनवरी के बाद भी अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन कर सकते हैं।
श्रीराम के अनन्य भक्त राजा राम के दर्शन करने के लिए भाव-विभोर हो रहे होंगे। लोगों के मन में यह भी सवाल है कि अपने भवन में विराजमान होने के बाद रामलला कैसे दिखेंगे। श्रीराम की मनमोहक छवि देखने के लिए हर भक्त आतुर है। ऐसे में अगर आप भी अयोध्या आने का प्लान बना रहे हैं, तो यहां की लोक मान्यता के मुताबिक प्रभु श्रीराम के दर्शन करने से पहले आपको अनुमति लेनी पड़ती है। यह अनुमति और किसी से नहीं बल्कि श्रीराम के भक्त हनुमान से लेनी पड़ती है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि राम मंदिर और हनुमान गढ़ी के दर्शन के दौरान आपको किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
रामलला के दर्शन से पहले लगाएं अर्जी
आज हम आपको अयोध्या धाम की लोक मान्यता और शास्त्रीय पद्वति के बारे में बताने जा रहे हैं। अगर आप अयोध्या धाम में रामलला के दर्शन के लिए जा रहे हैं। तो उससे पहले आपको श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी की अनुमति लेनी पड़ेगी। क्योंकि हनुमान जी के दर्शन के बिना रामलला के दर्शन अधूरे माने जाते हैं। यहां तक की हनुमान चालीसा में लिखी यह चौपाई ‘राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे’ का अर्थ है कि श्री राम के द्वार पर बैठ कर हनुमान जी रखवाली करते हैं। ऐसे में आप बिना हनुमान की आज्ञा के श्रीराम तक नहीं पहुंच सकते हैं।
हनुमान संभालते हैं अयोध्या का दायित्व
रामलला के दर्शन कर अगर आप पुण्य के भागी बनना चाहते हैं तो अयोध्या धाम जाने के बाद सबसे पहले सरयू नदी के तट पर स्नान करें। फिर हनुमान गढ़ी जाकर हनुमान जी से श्रीराम के दर्शन की आज्ञा मांगे। इसके बाद रामलला के दर्शन कर सौभाग्य प्राप्त करें। श्री राम मंदिर से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर हनुमान गढ़ी भक्ति पथ मार्ग पर है। बताया जाता है कि श्रीराम ने बैकुंड गमन के बाद हनुमान जी आज भी अयोध्या की रक्षा करते हैं। प्रभु श्रीराम ने अपने परम भक्त हनुमान को अयोध्या के राजा के रूप में रहने की आज्ञा दी थी।
बता दें कि हनुमान गढ़ी मंदिर में हनुमान जी के दर्शन के लिए आपको करीब 75-80 सीढ़ियां चढ़नी होती है। इसके बाद आप हनुमान के बाल स्वरूप के दर्शन कर सकेंगे। मंदिर परिसर में हनुमान जी का विग्रह है, वह मां अंजना हैं और उनकी गोद में हनुमान जी विराजते हैं। इसके अलावा मंदिर परिसर में नरसिंग दरबार, राम दरबार और मां दुर्गा जी की प्रतिमा विराजमान है। मान्यता है कि जो भी भक्त श्रीराम के दर्शन से पहले हनुमान गढ़ी के दर्शन प्राप्त करता है, उसे दर्शन के पुण्यफल प्राप्त होते हैं।

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