बिना नंबर प्लेट की बोलेरो से पकड़ा ढाई किलो गांजा, दो तस्कर गिरफ्तार

1 हजार रुपये की नकदी भी बरामद

प्रतापगढ़/उत्तर प्रदेश। नशीले पदार्थ की तस्करी करने वालों के खिलाफ पुलिस को मंगलवार को एक और बड़ी सफलता मिली। आसपुर देवसरा पुलिस ने अमुवाही मोड़ के पास बिना नंबर प्लेट की बोलेरो से ढाई किलो गांजा पकड़ा। गाड़ी से बेचे हुए माल की 91,600 हजार रुपये की नकदी के साथ एक इलेक्ट्रानिक कांटा भी बरामद किया। तस्कर जय सिंह के खिलाफ सात और संजय शुक्ला पर तीन मुकदमे दर्ज हैं। तस्कर बिहार और ओडिशा से यह माल की सप्लाई मंगवाते थे।
प्रतापगढ़ पुलिस मादक पदार्थ की तस्करी करने वालों पर लगातार कार्रवाई कर रही है। मानिकपुर में कुख्यात मादक पदार्थ तस्कर राजेश मिश्रा के घर से दो करोड़ की नकदी और स्मैक व गांजा बरामद किया था। मंगलवार को पुलिस ने सैफाबाद-अमुवाही रोड पर चेकिंग लगा रखी थी।
इस दौरान वहां पर बिना नंबर प्लेट के काले रंग की बोलेरो आई। पुलिस को संदेह हुआ तो उसकी तलाशी ली। गाड़ी से कुल दो किलो 541 ग्राम गांजा, एक इलेक्ट्रानिक काटा, बिक्री के कुल 91,600 हजार रुपये बरामद हुए। पुलिस ने जय सिंह उर्फ गुड्डू निवासी सपहा छात पट्टी और संजय शुक्ला निवासी सैफाबाद को पकड़ लिया। सीओ पट्टी मनोज कुमार सिंह रघुवंशी ने बताया कि दोनों तस्कर थोक में गांजे की सप्लाई करते थे। इनकी कई दिनों से पुलिस को तलाश थी, जो आज पकड़ में आ गए।
पुलिस ने चेकिंग के दौरान जो गाड़ी पकड़ी उस पर नंबर प्लेट नहीं लगा हुआ था, जबकि गाड़ी का नंबर यूपी 70 बीएक्स 0590 है, जो जय सिंह के नाम पर दर्ज है। एक साल 11 महीने पहले उसने बोलेरो न्यू खरीदी थी। उसे जब भी बिहार और ओडिशा से माल मंगवाना होता था तो वह खुद अपनी गाड़ी से जाता था।
दूसरे राज्य में बिना नंबर प्लेट की गाड़ी पर कार्रवाई न हो, इसके लिए वहां पर नंबर प्लेट लगा लेता था। यहां पर पुलिस से बचने के लिए नंबर प्लेट को हटा देता था। पिछले एक साल से वह गांजे का धंधा कर रहा था।
जय सिंह के पास सिर्फ दो बीघा जमीन है। मगर उसने नशे के धंधे से अपना घर बना लिया था। वह माल लेने और उसकी सप्लाई देने के लिए अक्सर घर से बाहर रहता था, इसलिए गांव के लोग भी उसके बारे में बहुत ज्यादा नहीं पूछते थे।
तस्कर जय सिंह बिहार और ओडिशा से जो माल मंगवाता था, उसके प्रतापगढ़ के अलावा रायबरेली, सुलतानपुर, जौनपुर में बेचता था। यह थोक का काम करता था। फुटकर में माल लेने वाले इसके ग्राहक फिक्स थे। इसलिए माल को खपाने के लिए उसको अलग से कोई मेहनत नहीं करनी पड़ती थी।
जय सिंह पहली बार 2007 में पकड़ा गया था। कच्ची बार बेचने पर उसके खिलाफ कार्रवाई हुई थी। मगर वह उसके बाद इस धंधे में अपना पांव जमाने लगा। 40 साल के जय सिंह पर 2007 के बाद 2008, 2009, 2014, और 2015 में आबकारी अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया था। 2016 में आर्म्स एक्ट और अब एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ है। 42 वर्षीय संजय शुक्ला के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट और आबकारी अधिनियम में मुकदमा दर्ज है।

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